दुनिया में हैं एक अरब से अधिक Migrants! 17 करोड़ लोग हेल्‍थ के लिए खतरनाक माने जाने वाले क्षेत्रों में करते हैं काम

Khoji NCR
2022-07-23 09:41:27

न्‍यूयार्क पूरी दुनिया में करोड़ों की संख्‍या में लोगों को अनेक कारणों से अपनी जमीन और अपने घरों को छोड़कर दूसरी जगह बसने के लिए मजबूर होना पड़ता है। इन कारणों में नौकरी, स्‍वास्‍थ्‍य सेवाए

, शिक्षा, युद्ध या हिंसा, खराब माहौल, बेहतर भविष्‍य की चाह भी शामिल हैं। ऐसे में इंसान दूसरी जगह पर जाकर बसना ज्‍यादा बेहतर विकल्‍प समझता है। यूएन की एक ताजा रिपोर्ट के मुताबिक पूरी दुनिया में ऐसे लोगों की संख्‍या एक अरब से भी अधिक है। ये विभिन्‍न कारणों से अपने जमीन या घरों से दूर होते हैं। यूएन की रिपोर्ट में कई बड़ी चीजों के खुलासे किए गए हैं। इसमें कहा गया है कि इन प्रवासिया या Migrants में से अधिकतर लोग कई तरह की जरूरी सुविधाओं से वंचित ही रहते हैं। इनमें कहींं, शिक्षा की कमी होती है तो कहीं स्‍वास्‍थ्‍य सुविधाओं का अभाव होता है तो कहीं पर सेनिटेशन की सुविधा नहीं होती है। इस वजह से इन लोगों को कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ता है। संयुक्‍त राष्‍ट्र की स्‍वास्‍थ्‍य एजेंसी ने इस रिपोर्ट पर कहा है कि ऐसे सभी प्रवासियों को जरूरी सुविधाएं मुहैया करवाने के लिए सभी देशों को कदम उठाने की सख्‍त जरूरत है। इस रिपोर्ट में रूस और युक्रेन में पांच माह से जारी युद्ध का भी जिक्र किया गया है। इसमें कहा गया है कि इस युद्ध से 20 लाख से अधिक लोग प्रवासी होने पर मजबूर हुए हैं। इन लोगों को युक्रेन के पड़ोसी देशों में शरण लेनी पड़ी है। इन लोगों को वहां पर जरूरी सुविधाएं नहीं मिल पाती हैं। इतना ही नहीं युद्ध प्रभावित अन्‍य देशों में जिनमें सीरिया भी शामिल है हजारों लोग हर वर्ष बेहतर भविष्‍य की चाह में खतरनाक सफर करने को मजबूर होते हैं। इस सफर में कई लोग अपनी जान तक खो देते हैं। गैर कानूनी रूप से होने वाले इस प्रवास में कई परेशानियां होती हैं। संयुक्‍त राष्‍ट्र की एजेंसी International Organization for Migration की रिपोर्ट में कहा गया है‍ कि विश्‍व में करीब 16.90 करोड़ प्रवासी कामगार स्‍वस्‍थ्‍य के लिए बेहद खतरनाक माने जाने वाले क्षेत्रों में काम करते हैं। इस र‍िपोर्ट में क्‍लाइमेट चेंज और कोरोना महामारी का भी जिक्र किया गया है। इसमें कहा गया है कि हाल के कुछ वर्षों में बड़ी संख्‍या में इन दो कारणों से भी लाखों लोगों ने दूसरी जगह प्रवास किया है। संगठन ने इस आंकलन पर पहुंचने के लिए संगठन इस निर्णय पर 16 देशों में, लगभग 1.70 करोड़ लोगों पर रिसर्च की है।

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