सरकार समाधान की बजाय सरकारी मीडिया के जरिए किसान आंदोलन को बदनाम कर रही है : रामनारायण

Khoji NCR
2020-12-29 10:38:46

हथीन / माथुर : तीन कृषि कानूनों की वापिसी की मांग को लेकर चल रहे किसान आंदोलन को लेकर मंगलवार को गांव रूपड़ाका में किसानों की बैठक का आयोजन किया गया । 32 गांव के मुखिया चौधरी रफीक की अध्यक्षता में

योजित बैठक का संचालन जफरमेव यदुवंशी ने किया।बैठक में गांव के बुजुर्गों , नौजवानों ने भाग लिया।गांव की ओर से बोलते हुए मौजिज लोगों ने किसान नेताओं को भरोसा दिया कि गांव से किसान आंदोलन में सभी बिरादरी के लोग ज्यादा से ज्यादा संख्या में भाग लेंगे। किसानों को सम्बोधित करते हुए किसान नेता रामनारायण कुरेरिया व साहबसिंह ने बताया कि किसान पिछले 2 महीने से लगातार आंदोलन कर रहे हैं परन्तु केन्द्र सरकार द्वारा लगातार किसानों की मांगों को नजरअंदाज किया जा रहा है।सरकार समाधान की बजाय सरकारी मीडिया के जरिए आंदोलन को बदनाम करने का काम किया है।किसानों को पुलिस व सैन्य बलों की लाठियों-आंसू गैस केे गोलों व पानी की बौछारों से किसानोंं को रोकने का प्रयास किया गया।तीनों कानूनों के लागू होने पर किसान कॉरपोरेटस के गुलाम बन जाएंगे।उन्होंने बताया कि नए कानून में फसलों की खरीद पर न्यूनतम समर्थन मूल्य की गारन्टी का जिक्र तक नहीं है।मंडियों को खत्म करने का षडयंत्र किया जा रहा है।बड़े कॉरपोरेटस के लिए ठेके पर खेती करने की कानूनी छूट दी जा रही है।सरकार न्यूनतम समर्थन मूल्य हटाकर किसानों को घाटे और कर्ज में धकेलना चाहती है।किसान आज अपनी फसल के दाम और अपने खेतों को बचाने की लडाई लड़ रहे हैंं।इन कानूनों का सीधा असर देश की खाद्य सुरक्षा पर पडेगा तथा राशन प्रणाली पूरी तरह चौपट हो जाएगी।बिजली संशोधन बिल 2020 के कानून बनने के बाद बिजली किसानों के दायरे से बाहर हो जाएगी,किसानों को बिजली के कोमर्शियल रेट देने पडेंगे।किसान नेताओं ने बताया कि कानूनों की वापिसी तक आंदोलन जारी रहेगा। बैठक में किसान लियाकत अली,याकूब रूपड़ाका,मास्टर फजरुदीन,उमरदीन चिल्ली भी मौजूद थे।

Comments


Upcoming News