डालर के मुकाबले रुपये में गिरावट के पीछे की वजह क्या है, जानें केंद्र सरकार ने लोकसभा में क्या कहा

Khoji NCR
2022-07-18 10:46:36

नई दिल्ली, अमेरिकी डालर के मुकाबले भारतीय रुपये के मूल्य में हालिया गिरावट रूस-यूक्रेन संघर्ष, कच्चे तेल की बढ़ती कीमतों और वैश्विक वित्तीय स्थितियों के कड़े होने जैसे वैश्विक कारकों के कार

है। सरकार ने सोमवार को लोकसभा में यह बात कही। लोकसभा में एक तारांकित प्रश्न के उत्तर में, केंद्र सरकार ने कहा, 'रूस-यूक्रेन संघर्ष जैसे वैश्विक कारक, कच्चे तेल की कीमतों में बढ़ोतरी और वैश्विक वित्तीय स्थितियों का कड़ा होना अमेरिकी डालर के मुकाबले भारतीय रुपये के कमजोर होने के प्रमुख कारण हैं।' डालर के अलावा अन्य वैश्विक मुद्राओं के मुकाबले रुपया मजबूत हालांकि, सरकार ने संसद के निचले सदन को सूचित किया कि भारतीय मुद्रा अन्य प्रमुख वैश्विक मुद्राओं के मुकाबले मजबूत हुई है। सरकार ने लोकसभा में कहा, 'ब्रिटिश पाउंड, जापानी येन और यूरो जैसी मुद्राएं अमेरिकी डालर के मुकाबले भारतीय रुपये की तुलना में अधिक कमजोर हुई हैं और इसलिए, भारतीय रुपया 2022 में इन मुद्राओं के मुकाबले मजबूत हुआ है।' अर्थव्यवस्था पर रुपये के मूल्य में गिरावट के प्रभाव पर, सरकार ने कहा कि मुद्रा में उतार-चढ़ाव अर्थव्यवस्था को प्रभावित करने वाले कारकों में से एक है। सरकार ने कहा कि मुद्रा के मूल्यह्रास से निर्यात प्रतिस्पर्धात्मकता बढ़ने की संभावना है जो बदले में अर्थव्यवस्था को सकारात्मक रूप से प्रभावित करती है। सरकार ने कहा कि मुद्रा का मूल्यह्रास आयात को और अधिक महंगा बनाकर प्रभावित करता है। विदेशी मुद्रा बाजार की निगरानी करता है आरबीआई भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) नियमित रूप से विदेशी मुद्रा बाजार की निगरानी करता है और अत्यधिक अस्थिरता की स्थितियों में हस्तक्षेप करता है। सरकार ने कहा कि भारतीय रिजर्व बैंक ने हाल के महीनों में ब्याज दरों में वृद्धि की है, जिससे निवासियों और अनिवासियों के लिए भारतीय रुपया धारण करने का आकर्षण बढ़ गया है। सरकार ने आगे कहा कि विदेशी पोर्टफोलियो पूंजी का बहिर्वाह भारतीय रुपये के मूल्यह्रास का एक प्रमुख कारण है। उन्नत अर्थव्यवस्थाओं में, विशेष रूप से संयुक्त राज्य अमेरिका में मौद्रिक तंगी, विदेशी निवेशकों को उभरते बाजारों से धन निकालने के लिए प्रेरित करती है। विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों ने की 14 बिलियन डालर की निकासी सरकार ने लोकसभा को बताया कि विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों ने वित्त वर्ष 2022-23 में अब तक भारतीय इक्विटी बाजारों से लगभग 14 बिलियन डालर की निकासी की

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