जीवन की खूबसूरती है अनिश्चितता फिर भी जिंदगी का साथ निभाता चला गया

Khoji NCR
2020-11-19 09:23:28

नई दिल्ली, सीमा झा। हम जैसा सोचते हैं, वही और वैसी ही नहीं होती जिंदगी। आपदा काल में जो हम देख रहे हैं, यह इसी बात की तसदीक करती है। इसलिए हमें सामने आने वाली हर अच्‍छी-बुरी परिस्थिति को स्‍वीकार

करना है और इकिगाई यानी अपने जीवन मूल्‍य को समझना है। पर क्‍या है इकिगाई और इस अनुसार कैसी हो हमारी दिनचर्या, क्‍या करें? बता रहे हैं जाने-माने मोटिवेशनल स्‍पीकर अमित कासलीवाल... जीवन की खूबसूरती है अनिश्चितता यानी हमें नहीं पता कि जिंदगी में अगले ही पल कौन-सी घटना घटने वाली है। इस पूरी तरह अज्ञात स्थिति में भी जीवन को जीना अपने आप में अद्भुत है। गौर करें, यदि यह हमारे साथ क्‍या होने वाला है यह जान गए, तो जीवन का वास्‍तविक अर्थ नहीं रह जाएगा। पर यही तो है सबसे बड़ी मुश्किल। जीवन में सब जान लेने की उत्‍सुकता हमें सबसे अधिक परेशान रखती है। हम बस बैठते हैं और सोचने लगते हैं कि जाने आगे क्‍या होगा, कैसा होगा, हमारे अनुकूल होगा या नहीं। यही चिंता हमें अपने इस पल से नहीं जुड़ने देती। हमारा वर्तमान हमसे ओझल रहता है, जिसमें हमारे भविष्‍य को सुंदर बनाने की अनंत संभावनाएं छिपी हैं। याद रखें, हमारे आसपास जो कुछ बदल रहा है, उसमें से आप कुछ पकड़ नहीं सकते। पल-पल बदलता जीवन हमारे हाथ नहीं पर आप बच्‍चों की तरह उन्‍मुक्‍त भाव से जीवन को देख सकते हैं। अपने भीतर बालमन की उमंग जगा सकते हैं। बच्‍चों के पुलक को देखिए जो कभी तारों को निहारते हुए मन में अचरज भरते हैं तो कभी फूलों-पंछियों को देखकरआह्लादित हो जाते हैं। बच्‍चे दरअसल, जीवन की अनिश्चितता से प्‍यार करते हैं और जो कुछ सामने है उसका आनंद लेते हैं। हवा के साथ बहते हैं। सूरज के प्रकाश को अपने भीतर समाहित करते हैं। बारिश में भीगते हैं, नाचते हैं। उन्‍हें जीवन के इन गुजरते पलों पर पूरा भरोसा होता है। यकीनन, जीने का यह तरीका बेहद शानदार है। इसी में छिपा है बेहतरीन कल के निर्माण का मूलमंत्र। पर बेहतर कल के लिए आपको समझना होगा ‘इकिगाई’ यानी अपने जीवन का मूल्‍य। इसके बाद आप सीख जाएंगे जिंदगी का साथ निभाने की सुंदर कला। अनुभव ही नहीं है जिंदगी जापान के ओकिनावा आइलैंड पर रहने वाले लोग औसतन सौ साल तक जीते हैं। यहां इससे ज्‍यादा उम्र तक के लोग भी मिल जाएंगे। यह दुनिया के मनोविज्ञानियों और समाजविज्ञानियों के लिए बड़ा शोध और कौतूहल का विषय है। आज की अंधाधुंध प्रतियोगी दौड़ में जहां चिंता और तनाव जीवन को दांव पर लगा रहा है, वहां सेहत मुख्‍य चिंता बनी हुई है। ऐसे समय में ओकिनावा निवासी हमें बड़ी सीख दे सकते हैं। वे बताते हैं कि कैसे हमें अनिश्चितता को गले लगाकर जीवन को एक प्रयोग की तरह जीना है। वे बताते हैं कि केवल हमारे अनुभव ही जिंदगी नहीं है। हमें अपने अनुभवों को जीवन न मानकर जीवन को इससे ऊपर की चीज माननी चाहिए। दरअसल, साल 2019 में सॉफ्टवेयर इंजीनियर हेक्‍टर गार्सिया और लेखक फ्रांसिस मि‍रालेस ने ओकीनावा के ओगिमी गांव के शतायुओं पर एक सर्व

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