सोहना नगरपरिषद विभाग की अरबों रुपये की भूमि पर अवैध कब्जा। अधिकारी मौन।

Khoji NCR
2022-07-01 11:33:02

सोहना/ बाबू सिंगला सोहना नगरपरिषद् विभाग की अरबों रूपए की सामलात देह भूमि (सरकारी) पर भूमाफियाओं का कब्ज़ा बरकरार है| उक्त भूमि पर भूमाफियाओं ने वर्षों से कब्ज़ा जमाया हुआ है जिसको हासिल करने क

परिषद् विभाग ने आजतक भी सुध नहीं ली है| विभागीय अधिकारियों ने मात्र कागजी खानापूर्ति करके मामले को अधर में लटकाया हुआ है| वहीं इसके विपरीत भूमाफिया उक्त भूमि को संवैधानिक रूप से अपने नाम दर्ज कराने की जुगत लगा रहे हैं| बताया जाता है कि कब्ज़ाधारियों ने भूमि को हथियाने के लिए माननीय अदालत में याचिका दायर की हुई है ताकि भूमि दोबारा बिस्वेदारों के नाम दर्ज हो सके| इसको प्रशासनिक अधिकारियों की मनमानी कहें अथवा लापरवाही जो करीब 10 वर्ष बीत जाने के बाद भी सामलात देह भूमि पर कब्ज़ा लेने में कामयाब नहीं हो सके हैं जबकि उक्त सामलात देह भूमि सोहना नगरपरिषद् विभाग में माननीय हाई कोर्ट के आदेशों के तहत समावेशित की जा चुकी है| किन्तु वर्षों बाद भी उक्त भूमि का परिषद् विभाग द्वारा कब्ज़ा नहीं लिया जा सका है| जबकि इस भूमि की अनुमानित कीमत अरबों रूपए बताई जाती है| विदित है कि सोहना कस्बे में वर्ष 1954-55 में की गई चकबंदी के बाद सामलात देह भूमि को अलग चिन्हित किया गया था जिसमें पहाड़ व समतल भूमि के अलावा शमशान, नदी, नाले, कब्रिस्तान आदि शामिल है जिसका कुल रकबा 15 हजार 172 कनाल 8 मरले हैं| वर्तमान में उक्त भूमि भूमाफियाओं व अवैध कब्जेदारों के कब्जे में है जिसमें मकान, दुकान, स्कूल, कॉलेज, वेंकट हॉल, फार्म हाउस आदि स्थापित हैं जिसका लोग निजी भूमि मानकर उपयोग कर रहे हैं| गत् 28 नवम्बर 2011 को माननीय सुप्रीम कोर्ट के आदेशों पर समस्त सामलात देह भूमि को नगरपालिका (वर्तमान में परिषद्) विभाग के अधीन कर दिया था तथा उक्त भूमि का इंतकाल (मुटेशन) भी पालिका विभाग के नाम राजस्व रिकॉर्ड में दर्ज करके मालिकाना हक़ प्रदान कर दिया था| यह भूमि सार्वजनिक उपयोग की है जिसका उपयोग प्रत्येक नागरिक कर सकता है| सोहना परिषद् प्रदेश में अव्वल सोहना नगरपरिषद् विभाग का नाम पूरे प्रदेश में अव्वल है उक्त परिषद् का नाम सबसे ज्यादा धनाड्य श्रेणी में आता है| सोहना नगरपरिषद् विभाग के अधीन वर्तमान में शामिल किये गए 13 गाँवों की पंचायती सामलात देह भूमि भी मर्ज कर दी गई है जिससे नगरपरिषद् का कुल रकबा करीब 2500 एकड़ हो गया है जिसकी कीमत अरबों रूपए की आंकी जाती है| निशानदेही बनी रोड़ा सोहना नगरपरिषद् विभाग की सामलात देह भूमि से कब्ज़ा हटाने में निशानदेही प्रमुख रूप से रोड़ा बनी हुई है परिषद् विभाग द्वारा कई बार लिखित सूचना दिए जाने के बावजूद भी राजस्व विभाग ने आज तक भी निशानदेही की कार्यवाही नहीं की है जिससे स्थानीय राजस्व विभाग पर भी उँगलियाँ उठने लगी हैं|

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