प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के प्रचार के लिए के किसानों को किया जाएगा जागरुक : डा. सब्बरवाल

Khoji NCR
2022-07-01 10:47:40

नूंह 01 जुलाई : ‘आजादी का अमृत महोत्सव’ की श्रृंखला में डीसी अजय कुमार के मार्गदर्शन में प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के प्रचार-प्रसार के लिए शुक्रवार को कृषि एवं कल्याण विभाग के उपनिदेशक डा. प

रताप सिंह सब्बरवाल ने जिला नूंह में कार्यरत बीमा कम्पनी बजाज एलायंज जी.आई.सी. लि. की प्रचार-गाड़ी को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। यह प्रचार वैन निर्धारित कार्यक्रम अनुसार अपना प्रचार केन्द्रित रखते हुए पूरे जिले भर में प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना का प्रचार-प्रसार करेगी। इसका उद्देश्य जिले में किसानों को फसल बीमा से मिलने वाले लाभों के बारे में जागरूक करना है। भारत सरकार द्वारा फसल बीमा सप्ताह मनाया जा रहा है। डा. प्रताप सिंह सब्बरवाल ने इस मौके पर बताया कि खरीफ-2022 के लिए प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत चार फसल कपास, बाजरा, धान, मक्का को नोटिफाइड़ किया गया है। किसानों द्वारा दिया जाने वाली प्रति एकड़ प्रीमियम राशि क्रमश: 1819.12/- रुपए, 352.78/- रुपए, 749.68/- रुपए, 374.85/- रुपए है। इसके अलावा उक्त फसलों के शत-प्रतिशत खराब होने पर दी जाने वाली प्रति एकड़ बीमित राशि क्रमश: 36382/- रुपए, 17639/-रुपए, 37484/-रुपए, 18743/-रुपए है। यह स्कीम ऋणी व गैर-अऋणी, दोनों तरह के किसानों के लिए वैकल्पिक है और जिन किसान ने बैंक से केसीसी के मार्फत ऋण ले रखा है, संबन्धित बैंक उन किसानों का फसल बीमा स्वयं कर देती है। जो किसान प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना से जुडऩा नहीं चाहते और जिन्होने बैंक से केसीसी के मार्फत ऋण ले रखा है वे अपने संबन्धित बैंक में 24 जुलाई तक लिखित में इस बारे लिखकर दे कि वे इस स्कीम में शामिल नहीं होना चाहते तो उन किसानों की प्रीमियम राशि उनके बैंक खाते से नहीं कटेगी और उनका बीमा नहीं होगा। ऐसा न करने पर बैंक द्वारा किसान की फसल का बीमा स्वयं कर दिया जाएगा। इसके अलावा जिन किसान ने अपनी पहले सीजन में बीजी गई फसल में बदलाव करवाना है, वे सभी किसान 15 जुलाई तक अपने संबन्धित बैंक से सम्पर्क कर अपनी फसल में बदलाव करवा सकता है, जो किसान अऋणी कैटेगरी से अपनी फसल का बीमा करवाना चाहते है, वे अपने नजदीकी सीएससी सेंटर से फसल बीमा करवा सकते है। किसानों को गैर-ऋणी श्रेणी में बीमा करवाने के लिए जमीन की फरद, आधार कार्ड प्रति, फसल बीजाई का प्रमाण पत्र व जिस किसान ने जमीन पट्टे पर ले रखी है, वह किसान उस जमीन के वास्तविक मालिक का एफिड़ेवट दस्तावेज अनिवार्य है। प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत सभी किसान भाई अपनी फसल का बीमा अपने संबन्धित बैंक, नजदीकी सीएससी अथवा नजदीकी डाकघर से 31 जुलाई तक करवा सकते है। प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत स्थानीय आपदा के अन्तर्गत जैसे-भारी बारिश से जलभराव, बादल फटना, ओला वृष्टि व भूस्खलन की स्थिति में फसल में नुकसान होने पर किसानो को व्यक्तिगत रूप से आपदा घटित होने के 72 घण्टे के अन्दर-अन्दर कृषि कार्यालय को सूचित करना अनिवार्य है। धान फसल के लिए स्थानीय आपदा के तहत रिस्क कवरेज नहीं दिया जा सकता। इस समय सीमा में प्राप्त बीमित किसानो के आवेदनो का सर्वे करवाकर बीमा कम्पनी क्लेम अदा कर देती है। इसके अलावा कृषि विभाग द्वारा दोनों सीजन में सभी नोटिफ़ाईड फसलों पर चार-चार फसल कटाई प्रयोग संचालित किए जाते है जो गाँव में बीजी गई फसल की उपलब्धता पर निर्भर करती है। इस प्रकार फसल कटाई प्रयोग के आधार पर आई औसत पैदावार को सरकार द्वारा पूर्व निर्धारित थ्रैशोल्ड उपज की तुलना की जाती है। औसत पैदावार, थ्रैशोल्ड उपज में जिस अनुपात में कम रहती है, उसके मुताबिक उस गाँव में उस फसल विशेष के लिए बीमित सभी किसानों का बीमा क्लेम देने का प्रावधान है। फसल की कटाई के उपरान्त यदि किसान ने फसल को खेत में सूखने के लिए काटें और फैलाएं रूप में छोड़ रखा है तथा स्थानीय आपदा जैसे आँधी तूफान, ओला वृष्टि चक्रवात, चक्रवात वर्षा, जलभराव की स्थिति में किसान कटाई के 14 दिन बाद तक क्लेम का दावा कर सकता है। इसके लिए भी किसान को 72 घण्टे के अन्दर-अन्दर उपकृषि निदेशक कार्यालय को सूचित करना जरूरी है। सर्वे रिपोर्ट में दर्शाए गए नुकसान के अनुसार बीमा कम्पनी के द्वारा किसान को मुआवजे का भुगतान कर दिया जाता है। बजाज एलायंज जी.आई.सी. लि. के जिला प्रबन्धक नन्दकुमार शाह ने बताया कि प्रत्येक ब्लॉक में कम से कम दो कैम्प का भी आयोजन किया जाएगा जिसमे किसान भाइयों को बीमा करवाने से लेकर क्लेम लेने तक पूरी प्रक्रिया के बारे में जानकारी दी जाएगी। इस मौके पर सहायक सांख्यिकी अधिकारी, हरबंश सिंह , उपमण्डल कृषि अधिकारी डा. अजीत सिंह, गुण नियंत्रण अधिकारी डा. अजय कुमार व जिला प्रबन्धक, बजाज एलायंज़ जी.आई.सी.लि. के अलावा कृषि विभाग के कर्मचारी तथा बीमा कम्पनी के प्रतिनिधि मौजूद रहे।

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