सोहना बाबू सिंगला सोहना कस्बे के बाजारों में अतिक्रमण जोरों पर है। दुकानदारों सरकारी भूमि का किराया वसूल रहे हैं। जिसके कारण सड़कें सिकुड़ने लगी हैं। वहीं अतिक्रमण होने से जाम की समस्या ने भी
विकराल रूप ले लिया है। सड़कों के सिकुड़ने से जाम लगा रहता है। जहाँ से वाहन चालकों के अलावा राहगीरों का निकलना भी मुश्किल ही रहा है। स्थानीय जागरूक नागरिकों ने बाजारों से तुरन्त अतिक्रमण हटाने को कहा है। तथा दुकानदारों द्वारा की जा रही अवैध वसूली को भी रोकने की माँग की है। एक ओर जहाँ सरकार अतिक्रमण व अवैध कब्जे हटाने के लिए प्रयास कर रही है, वहीं दूसरी ओर सोहना कस्बा अतिक्रमण के मकड़जाल में फंस कर रह गया है। बाजारों में अतिक्रमणों की भरमार है। दुकानदारों ने सरकारी सड़कों को अपने कब्जे में ले लिया है। तथा वहाँ पर तख्त, टीन शेड, सामान आदि रखकर अतिक्रमण किया हुआ है। इसके अलावा दुकानदारों ने अपनी दुकानों के आगे फेरी वालों को फड़ किराए पर दे दिए हैं। जिनसे प्रतिमाह हजारों रुपये किराया वसूला जा रहा है। ऐसा होने से बाजार सिकुड़ कर संकरे हो गए हैं। यहाँ है अतिक्रमण कस्बे में बस स्टैंड मार्ग, नेहरू बाजार, बिजली बोर्ड बाजार, मोती प्लाजा बाजार, अनाज मंडी, स्टेडियम बाजार आदि में अतिक्रमणों की भरमार है। जहाँ पर दुकानदारों ने किराया वसूली का अवैध धंधा भी किया हुआ है। जो फेरी वालों से 5 हजार से लेकर 20 हजार रुपये तक की वसूली कर रहे हैं। नगरपरिषद बेबस सोहना नगरपरिषद राजनीतिक दखलंदाजी के चलते बेबस है। जो कार्यवाही करने में संकोच कर रही है। जिसका खामियाजा बेचारे नागरिक उठा रहे हैं। क्या कहते हैं नागरिक कस्बे के जागरूक नागरिक संदीप सिंगला कालू,कमल बंसल,दीपक गर्ग,दिनेश रोहिला,अशोक माथुर,सुमित गर्ग,सागर गर्ग आदि का कहना है कि सोहना धार्मिक तीर्थ स्थल है। जहाँ पर हजारों पर्यटक रोजाना आते हैं। किंतु अतिक्रमण होने से उनको बहुत परेशानी होती है। लोगों ने परिषद प्रशासन से बाजारों से अतिक्रमण हटाने को कहा है। तथा सरकारी भूमि का किराया वसूली पर भी लगाम कसने की माँग की है।
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