सोहना बाबू सिंगला इसको सोहना नगरपरिषद विभाग अधिकारियों की मनमानी कहें अथवा लापरवाही। जो करोड़ों रुपये की सरकारी राशि को अवैध कालोनियों पर खर्च कर डाला है। जबकि ऐसी कालोनियों को सरकार ने आज त
क भी मंजूरी प्रदान नहीं की है। किंतु अधिकारियों ने अपने निजी कमीशन के लालच में कोष को चपत लगा डाली है। जिससे परिषद के कंगाल होने के आसार हैं।जिसमें दर्जनों अधिकारी शामिल हैं। हैरत की बात है कि परिषद में तैनात ऑडिटर ने भी आज तक उक्त अनियमितता का खुलासा नहीं किया है। जिसकी भूमिका को भी संदिग्ध माना जा रहा है। वहीं परिषद अधिकारीगण कुछ भी बतलाने से कतरा रहे हैं। जागरूक नागरिकों ने सरकारी कोष का दुरुपयोग करने पर कार्यवाही की माँग की है। विदित है कि सरकार द्वारा गत करीब 7 वर्ष पूर्व 9 सितंबर, 2015 को सोहना नगरपालिका को अपग्रेड करके नगरपरिषद का दर्जा दे दिया था। जिसमें सोहना कस्बे के अलावा आसपास लगते 13 गांवों क्रमशः सांपकी नंगली, बेरका, धुनेला, सिरसका, लोहटकी, खाइका, बालूदा, रायपुर, जखोपुर आदि को भी शामिल किया था। किंतु हैरत की बात है कि अधिकांश कालोनियां अवैध हैं। जिनको सरकार ने आजतक भी मंजूरी प्रदान नहीं की है। किंतु इसके विपरीत परिषद ने सभी नियमों को धता बताकर बीते सालों में करोड़ों रुपये की राशि खर्च कर डाली है। उक्त राशि सीएम घोषणा, डी प्लान, परिषद कोष आदि से खर्च की गई है। जिसका खुलासा परिषद विभाग ने सरकार को आजतक भी नहीं किया है। सूत्र बताते हैं कि सरकारी राशि का दुरुपयोग करने में सभी सक्षम अधिकारियों की मिलीभगत है। जिन्होंने जानबूझकर सरकारी राशि को खर्च किया है। ऐसे दोषी अधिकारी कुछ भी बतलाने से कतरा रहे हैं। हैरत की बात है कि ऑडिटर की भूमिका भी संदिग्ध है। जिसने आज तक भी खुलासा नहीं किया है। मात्र चार को मंजूरी सोहना नगरपरिषद ने गत दिनों 44 अवैध कालोनियों को चिन्हित करके उपायुक्त गुरुग्राम के माध्यम से मंजूरी प्राप्त करने के लिए सरकार को भेजा था। किंतु सरकार ने मात्र 4 कालोनियों क्रमशः रायसीना पार्ट 2, सुशील नगर पार्ट 3, शिव कालोनी वार्ड नम्बर 5 पार्ट 1, नहर कालोनी को ही गत दिनाँक 29 नवम्बर, 2017 को पत्र क्रमांक 9623 के तहत मंजूरी प्रदान की थी। क्या कहते हैं जागरूक नागरिक कस्बे के जागरूक नागरिकों का कहना है कि उक्त राशि नागरिकों की है। जो सरकार द्वारा टैक्स के रूप में वसूलती है। जिसका दुरुपयोग करना गलत है। जागरूक नागरिक समाजसेवी सतबीर खटाना, योगी समाज प्रधान सुरेंदर योगी, एडवोकेट अनुराग जिंदल, सर्राफा यूनियन पूर्व प्रधान अशोक वर्मा, व्यापार मंडल सोहना वरिष्ठ उपप्रधान लाला ताराचंद गर्ग, आनंद गर्ग आदि ने उक्त मामले की जाँच कराने की माँग की है। उन्होंने आरोप लगाया है कि अधिकारियों ने मात्र कमीशन के लालच में करोड़ों रुपये को खुर्दबुर्द कर डाला है। जिनके खिलाफ विभागीय कार्यवाही होनी चाहिए।
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