अंतरिम सरकार के गठन के लिए राजी हुए गोटबाया, सर्वोच्च बौद्ध भिक्षु ने उन्हें इस संबंध में भेजा था प्रस्ताव

Khoji NCR
2022-04-25 10:21:34

कोलंबो,श्रीलंका के राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षा देश के भीषण आर्थिक संकट से निपटने के लिए एक अंतरिम सरकार के गठन के लिए राजी हो गए हैं। एक वरिष्ठ बौद्ध भिक्षु ने इस आर्थिक संकट से निपटने के लिए

अपने प्रयास जारी रखें हैं। देश के सशक्त बौद्ध भिक्षु को लिखे पत्र में राजपक्षा ने रविवार को एक अंतरिम सरकार बनाने की इच्छा जताई है। विगत चार अप्रैल को देश के सर्वोच्च बौद्ध भिक्षु की ओर से लिखे पत्र में कहा गया था कि राजपक्षा कैबिनेट को भंग करके एक अंतरिम सरकार बनाएं। यह बौद्ध भिक्षु देश के चार प्रमुख बौद्ध अध्याय के प्रमुख हैं। यह चार अध्याय मलवथु, असगिरी, अमरपुरा और रामायण हैं। श्रीलंका के सभी राजनीतिक दिग्गज इनसे प्रभावित हैं। कुछ दिनों पहले श्रीलंका के उच्च पदस्थ भिक्षुओं ने देश के राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री और विपक्षी नेताओं से आग्रह किया था कि देश की व्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए आवश्यक कदम उठाएं। अगर वह ऐसे करने में नाकाम रहे तो बौद्ध भिक्षु संघ सम्मेलन की घोषणा के लिए बाध्य होंगे। हालांकि डेली मिरर में प्रकाशित इस खबर पर अभी तक राष्ट्रपति कार्यालय ने कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है। हालांकि प्रधानमंत्री महिंदा राजपक्षा विगत शनिवार को ही अंतरिम सरकार के गठन के प्रस्ताव को खारिज कर चुके हैं। दरअसल, अंतरिम सरकार के गठन के लिए पीएम महिंदा राजपक्षा को इस्तीफा देना होगा या इस्तीफे की पेशकश करनी होगी। समुद्र से घिरे श्रीलंका की सरकार जरूरी वस्तुओं के आयात के लिए एड़ियां रगड़ रही है। विगत नौ अप्रैल से आवश्यक वस्तुओं की कीमतें आसमान छूने के चलते हजारों लोगों ने सड़कों पर उतर कर सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिए । करीब दो महीनों से श्रीलंका ऐतिहासिक आर्थिक संकट का सामना कर रहा है। देश में सभी आवश्यक वस्तुओं की भारी किल्लत हो गई है। जीवाश्म ईंधन, दवाओं और बिजली की भी भारी कमी है। यहां तक कि इस द्वीप देश में अब पीने के पानी की भी किल्लत होने लगी है।

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