रूस के खिलाफ यूक्रेन का क्‍या है J-factor, जानें- किस कदर घातक हो सकता है जेलेंस्‍की-बाइडन का ये दांव

Khoji NCR
2022-04-07 08:53:21

नई दिल्‍ली । यूक्रेन पर रूस के ताबड़तोड़ हमलों को देखते हुए अमेरिका ने यूक्रेन को घातक हथियार दिए हैं। इन हथियारों में वो जेवेलीन मिसाइल भी शामिल है जो बेहद शक्तिशाली है। इसकी तस्‍दीक अमेरिक

ी रक्षा मंत्रालय पेंटागन ने भी की है। ये मिसाइल यूक्रेन को मलबे में तब्‍दील कर आगे बढ़ रहे रूस के टैंक पर काल बनकर गिर सकती है। इतना ही नहीं ये मिसाइल हवाई हमलों से भी यूक्रेन की रक्षा करने में सक्षम है। इस बीच यूक्रेन के राष्‍ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्‍की का कहना है कि वो यूक्रेन को इजरायल की ही तरह ताकतवर बनाएंगे। बता दें कि रूस ने यूक्रेन पर 24 मार्च को हमले की शुरुआत की थी। तब से लेकर अब तक यूक्रेन को इस जंग की भारी कीमत चुकानी पड़ी है। यूक्रेन के शरणार्थियों की संख्‍या लगातार बढ़ रही है। अब तक ये संख्‍या करीब 40 लाख के पार हो चुकी है। मिसाइल की खासियत ये मिसाइल ढाई किलोमीटर की दूरी तक अचूक निशाना लगाने में सक्षम है। ये मिसाइल डेढ़ सौ किमी से अधिक की ऊंचाई तक जा सकती है। ये मिसाइल राकेट लान्‍चर की ही तरह कंधे पर रखकर छोड़ी जाती है। FGM-148 जेवलीन (Javelin/AAWS-M)(Advanced Anti-Tank Weapon System—Medium) अमेरिका द्वारा बनाई गई एक एंटी टैंक मिसाइल है, जो 1996 से सर्विस में है। इसके बनने के साथ ही इसको लगातार अपडेट भी किया जाता रहा है। इस मिसाइल को एम-47 ड्रैगन, जो कि एक एंटी टैंक मिसाइल है, से रिप्‍लेस किया गया है। इसकी सबसे बड़ी खासियतों में से एक फायर एंड फारगेट है। इसका अर्थ है कि इसको लान्‍च करो और भूल जाओ। ऐसा इसकी सटीकता और घातकता के लिए कहा जाता है। ये मिसाइल इंफ्रारेड गाइडेड मिसाइल है जो अपने टार्गेट को लान्‍च होने से पहले ही जान लेती है। इसके बाद उसका बचना नामुमकिन हो जाता है। ये इतनी घातक है कि किसी भी अत्‍याधुनिक टैंक के परखच्‍चे उड़ा सकती है। ये टैंक के मोटे बख्‍तर को भी ध्‍वस्‍त करने में सक्षम है। इसका इस्‍तेमाल अमेरिका ने इराक, अफगानिस्‍तान, सीरिया, लीबिया में भी किया है। इस मिसाइल को नाइट विजन की सुविधा के चलते रात में भी लान्‍च किया जा सकता है। इसकी स्‍पीड 1.7 मैक है। 22 किग्रा से कुछ अधिक वजनी इस मिसाइल का अपने लान्‍चर के साथ करीब 30 किग्रा हो जाता है। इसकी लंबाई एक मीटर से कुछ अधिक है। इसको चलाने के लिए दो लोगों की जरूरत होती है। करीब ढाई किमी के दायरे में ये मिसाइल अचूक निशाना लगा सकती है। हालांकि किसी व्‍हीकल से लान्‍च करने पर इसकी रेंज करीब साढ़े चार किमी की हेाती है। लाकहिड मार्टिन की इस मिसाइल का सबसे पहला परीक्षण मार्च 1993 में किया गया था। 1996 में इसको सेना में शामिल होने को मंजूरी मिली थी।

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