वाशिंगटन,। बोइंग कंपनी को अमेरिकी संघीय विमानन प्रशासन (एफएए) ने 737 मैक्स जेट उड़ाने की अनुमति दे दी है। दो हादसों के बाद कंपनी को करीब दो वर्षो तक छानबीन, कारपोरेट उथल-पुथल और वैश्विक नियामकों
े साथ गतिरोध का सामना करना पड़ा। भारतीय विमानन नियामक डीजीसीए ने भारतीय आकाश में बोइंग 737 मैक्स विमानों को उड़ान भरने की अनुमति देने से पहले एफएए के फैसले का अध्ययन करने का निर्णय लिया है। बोइंग को कामर्शियल उड़ानें बहाल करने से पहले अनिवार्य रूप से एफएए के विस्तृत साफ्टवेयर अपग्रेड करने के साथ प्रशिक्षण में बदलाव करना होगा। कमर्शियल उड़ान के इतिहास में अब तक सबसे लंबे अवधि यानी करीब 20 महीने तक बोइंग के ये विमान उड़ान नहीं भर सके।उल्लेखनीय है 2018 और 2019 में पांच महीने के अंतराल पर इंडोनेशिया और इथोपिया में 737 मैक्स क्रैश हुए थे। इन हादसों में 346 लोगों की जान गई थी जिसके बाद कई तरह की जांच का सिलसिला शुरू हो गया था। वैश्विक उड्डयन अगुआ अमेरिकी कंपनी निशाने पर आ गई और बोइंग को करीब 20 अरब डॉलर (डेढ़ लाख करोड़ रुपये) का नुकसान हुआ। प्रतिबंध हटने के बाद अमेरिकी विमान निर्माता कंपनी का यह बेस्ट सेलिंग जेट कोरोना से उत्पन्न चुनौतियों के बीच एक बार फिर कामर्शियल सेवा बहाल करेगा।
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