सत्ता बचाने के लिए अब सहयोगियों के द्वार पहुंचेंगे इमरान खान, विपक्षी नेताओं ने की खिंचाई

Khoji NCR
2022-03-26 09:36:33

इस्लामाबाद, पाकिस्तान की सत्तारूढ़ पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआइ) सरकार के खिलाफ 28 मार्च को अविश्वास प्रस्ताव पेश होना है। इसी के चलते अब सरकार बचाने को इमरान खान उन सहयोगियों को वापस लेने

ी कोशिश कर रहे हैं जिनका समर्थन उनके सरकार बनाने में मिला था। अविश्वास प्रस्ताव के खिलाफ अपना समर्थन सुनिश्चित करने के लिए, इमरान आज इस्लामाबाद में प्रमुख सहयोगी मुत्ताहिदा कौमी मूवमेंट-पाकिस्तान (एमक्यूएम-पी) के एक प्रतिनिधिमंडल से मुलाकात करेंगे। इस बीच अविश्वास प्रस्ताव पर नेशनल असेंबली के सत्र से पहले, बिलावल भुट्टो की पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) ने घोषणा की थी कि एमक्यूएम-पी के साथ उनके मामले सुलझ गए हैं और सत्तारूढ़ गठबंधन के सदस्य इमरान को हटाने के प्रस्ताव के पक्ष में मतदान करेंगे। विपक्ष ने साधा निशाना बता दें कि इमरान खान के नेतृत्व वाली पाकिस्तान तहरीक ए इंसाफ (पीटीआइ) सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पहले 25 मार्च को पेश होना था। लेकिन सदन के सदस्य ख्याल जमान की मृत्यु होने के कारण उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करने के तुरंत बाद सत्र स्थगित कर देने के चलते प्रस्ताव को टाल दिया गया। इसके बाद नेशनल असेंबली और पाकिस्तान में विपक्षी नेता शहबाज शरीफ ने स्पीकर और इमरान की खिंचाई करते हुए कहा कि स्पीकर असद कैसर इमरान खान की कठपुतली बन गए हैं। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि अगर इमरान का यह खेल सोमवार को संविधान और नियमों का उल्लंघन करता है तो वह अपने अधिकारों की लड़ाई लड़ेंगे। दूसरी ओर पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) के अध्यक्ष बिलावल भुट्टो ने इमरान खान पर तंज कसते हुए कहा कि यह किस तरह का कप्तान है जो एक प्रतियोगिता से भाग रहा है। उन्होंने कहा कि हम इस अलोकतांत्रिक व्यक्ति के खिलाफ अविश्वास के लोकतांत्रिक हथियार का उपयोग करेंगे जिससे इमरान खान जल्द ही पूर्व प्रधानमंत्री बनने वाले हैं। इमरान को अपनों ने ही दिया है झटका इमरान खान की सरकार पर खतरा इसलिए मंडरा रहा है क्योंकि चार सहयोगियों में से तीन एमक्यूएम-पी , पीएमएल-क्यू और बीएपी ने विपक्ष के अविश्वास प्रस्ताव को अपना समर्थन दिया है। खान की परेशानी को और बढ़ाते हुए, उनकी अपनी पार्टी के लगभग 20 सदस्यों ने हाल ही में इस्लामाबाद के सिंध हाउस में शरण ली थी और उनमें से कोई भी शुक्रवार को नेशनल असेंबली में नहीं दिखा। यह है आंकड़ों का खेल पाकिस्तानी नेशनल असेंबली में कुल 342 सदस्य हैं, जिसमें बहुमत का आंकड़ा 172 का है। पीटीआई के नेतृत्व वाला गठबंधन 179 सदस्यों के समर्थन से बनाया गया था, जिसमें इमरान खान की पीटीआई में 155 सदस्य थे और चार प्रमुख सहयोगी एमक्यूएम-पी के 7, पीएमएल-क्यू के 5, बलूचिस्तान अवामी पार्टी (बीएपी) के 5 और ग्रैंड डेमोक्रेटिक अलायंस (जीडीए) के 3 सदस्य थे। दूसरी ओर पाकिस्तान में विपक्षी दलों के पास सदन के 162 सदस्यों का समर्थन है, जिनमें से 159 सदस्य शुक्रवार को सदन में मौजूद थे। मतदान के दौरान विपक्षी सदस्यों के साथ तीन सत्तारूढ़ गठबंधन दलों के शामिल होने की उम्मीद है जिसमें से 179 सदस्यों ने अविश्वास प्रस्ताव का समर्थन किया है। अब इमरान का इन तीन सहयोगियों द्वारा साथ छोड़े जाने की बात से सरकार गिरने की संभावना बढ़ गई है।

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