नई दिल्ली, पश्चिम बंगाल के बीरभूम हिंसा की घटना की गूंज शुक्रवार को संसद में भी सुनाई दी। बजट सत्र की कार्यवाही के दौरान राज्यसभा में इस घटना को लेकर जोरदार हंगामा हुआ। भाजपा सांसद रूपा गांगु
ली ने राज्यसभा में इस मुद्दे को उठाया। हिंसा को लेकर उन्होंने टीएमसी पर जमकर प्रहार भी किया। चर्चा के दौरान भाजपा सांसद फफक-फफक कर रोने भी लगीं। उन्होंने कहा, 'बीरभूम हिंसा में इस बार सिर्फ 8 लोग मरे हैं। ज्यादा लोगों के मरने से फर्क नहीं पड़ता है, लेकिन बात यह है कि लोगों को जला कर मारा जाता है। बंगाल की पुलिस पर भरोसा नहीं है।' रूपा ने आगे कहा कि राज्य में बीते 7 दिनों में 26 पॉलिटिकल मर्डर हुए हैं। राष्ट्रपति शासन की मांग रूपा गांगुली ने पश्चिम बंगाल में राष्ट्रपति शासन की मांग की है। उन्होंने कहा कि बंगाल में सामूहिक हत्याएं हो रही हैं, लोग वहां से भाग रहे हैं... राज्य अब रहने लायक नहीं है। पश्चिम बंगाल में लोग बोल नहीं सकते। सरकार हत्यारों को बचा रही है। कोई दूसरा राज्य नहीं है जहां सरकार चुनाव जीतने के बाद लोगों को मारती है। हम मनुष्य हैं। हम पत्थर दिल की राजनीति नहीं करते। सीबीआइ करेगी मामले की जांच कलकत्ता हाईकोर्ट ने बीरभूम हिंसा की सीबीआइ से जांच कराने के आदेश दिए हैं। हाई कोर्ट ने मामले का स्वतः संज्ञान लेते हुए राज्य सरकार से मामले की केस डायरी व स्टेट्स रिपोर्ट तलब किया था। कोर्ट ने राज्य सरकार को सीबीआइ जांच में पूरा सहयोग देने का भी निर्देश दिया है। इस हिंसा में दस लोगों को जिंदा जला देने का आरोप है। हालांकि पुलिस आठ लोगों के मारे जाने की पुष्टि की है। मृतकों में दो बच्चे भी हैं। बीरभूम जिले के रामपुरहाट थाना क्षेत्र के बोगटूई गांव में सोमवार की शाम टीएमसी के एक नेता की हत्या के बाद हिंसा भड़क गई थी।
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