आजादी के अमृत महोत्सव के तहत नैतिक मूल्यों की शिक्षा व नशा मुक्ति पर सेमीनार का आयोजन

Khoji NCR
2022-03-14 10:22:49

सत्यनिष्ठा, ईमानदारी व संवेदनशीलता नैतिकता के आधार है : विपिन कुमार शर्मा नारनौल 14 मार्च। आजादी के अमृत महोत्सव के तहत आज राजकीय कन्या वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय मिर्जापुर बाछौद में बच्च

ं को नैतिक मूल्यों की शिक्षा व नशा मुक्ति जागरूकता पर सेमीनार का आयोजन किया। नैतिक मूल्य की शिक्षा के राज्य नोडल अधिकारी एवं पूर्व जिला बाल कल्याण अधिकारी विपिन कुमार शर्मा ने कहा कि पूरा देश आजादी का अमृत महोत्सव मना रहा है। आजादी के लिए हमारे पूर्वजों को बहुत सारी कुर्बानियां देनी पड़ी थी। हमारी युवा पीढ़ी को इन कुर्बानियों को हमेशा याद रखना चाहिए। उन्होंने कहा कि आज व्यक्ति एवं समाज में साम्प्रदायिक्ता, जातीयता भाषावाद्, हिंसा, अलगाववाद की संकीर्ण भावनाओं व समस्याओं के मूल में नैतिक मूल्यों का पतन ही उत्तरदायी कारण है। सत्यनिष्ठा, ईमानदारी व संवेदनशीलता आदि नैतिकता के आधार है। यदि इन गुणों का व्यक्ति में अभाव हो जाता है, तो मनुष्य सही गलत का विवेक खो बैठता है। ऐसा व्यक्ति सभ्य समाज के लिए घातक होता है। वह अपने निजी स्वार्थ के लिए किसी भी हद तक जा सकता है। वास्तव में नैतिक गुणों की कोई सूची नहीं बनाई जा सकती परन्तु हम इतना अवश्य कह सकते हैं कि मनुष्य में अच्छे गुणों को हम नैतिक कह सकते हैं जो व्यक्ति के स्वयं के विकास और कल्याण के साथ दूसरों के कल्याण में भी सहायक हो। नैतिक मूल्यों का समावेश जीवन के सभी क्षेत्रों में होता है। व्यक्ति परिवार, समुदाय, समाज, राष्ट्र से मानवता तक नैतिक मूल्यों की यात्रा होती है। नैतिकता समाज में सामाजिक जीवन को सुगम बनाती है। मानव को सामाजिक प्राणी होने के नाते कुछ सामाजिक नीतियों का पालन करना पड़ता है जिनमें संस्कार, सत्य, परोपकार, अहिंसा आदि शामिल है। वास्तव में ये सभी नैतिक गुणों में आते है और बच्चों को इन्हें बचपन से ही धारण कर लेना चाहिए ताकि अच्छे परिवार, समाज, राष्ट्र का निर्माण हो सकें। उन्होंने बच्चों को उच्च श्रेणी की शिक्षा प्राप्त करने के साथ-साथ नैतिक मूल्यों की शिक्षा को भी अवधारण करने के लिए प्रेरित किया तथा अपने बुजुर्गो, अध्यापकों व अपने सभी सगे-सम्बन्धियों का आदर करने की अपील की तथा उनसे अनुरोध किया कि वे अपने जीवन में कामयाब इन्सान के साथ-साथ एक अच्छे इन्सान बनें अच्छे भारत के निर्माण में वे अपना योगदान दे सकें। उन्होनें बच्चों से खासकर अपील की कि वे अपने दादा-दादी के साथ समय अवश्य बिताए तथा उनका अनुभव का लाभ उठाकर अपने जीवन को सफल बनाए। इस मौके पर नशा मुक्ति एवं पुनर्वास केंद्र से परियोजना निदेशक रोहताश रंगा ने अपने ने कहा कि बच्चों को अच्छी शिक्षा के साथ नशे आदि से दूर रहना चाहिए तथा अपने परिवार, सगे-सम्बन्धियों को भी नशे से दुर रहने के लिए प्रेरित करना चाहिए। नशा मनुष्य को शारीरिक, मानसिक व सामाजिक रूप से कमजोर बनाता है जिससे वह व्यक्ति समाज में भी अपना सम्मान खो देता है तथा उसे सभी हीन भावना से देखते है। इस अवसर पर प्राचार्य तेज सिंह ने बताया कि उनके सभी बच्चे इन नैतिक मूल्यों का अच्छे से पालन करते है और भविष्य में भी इनका अपने जीवन का हिस्सा बनाएगें ताकि अच्छे समाज का निर्माण हो सकें। उन्होंने बच्चों से अपील की कि वे अपने परिवार, स्कूल, समाज में अपने बुजुर्गो व अध्यापकों का सम्मान करें तथा उनसे आर्शिवाद लेकर अपने व्यक्तित्व का चरित्र विकास करें ताकि परिवार, समाज व राष्ट्र का निर्माण हो सकें तथा सभी प्रकार के नशे आदि से अपने आपको व परिवार को दूर रखें। इस अवसर पर बाल भवन नारनौल के तीरन्दाजी कोच सुरेन्द्र शर्मा, प्रवक्ता रजनीश यादव, प्रवक्ता अशोक कुमार, प्रवक्ता रघुवीर सिंह, प्रवक्ता मंजू लता, प्रवक्ता रीतू यादव एवं समस्त स्टाफ व स्कूली बच्चें उपस्थित थे।

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