लंबा स्क्रीन टाइप कैसे पहुंचाता है आपकी आंखों को नुकसान, जानें एक्सपर्ट्स से

Khoji NCR
2022-03-14 10:07:23

नई दिल्ली, आज की डिजिटल ऐज में शायद ही कोई हो इन गैजेट्स का इस्तेमाल न कर रहा हो। चाहे घंटों नेटफ्लिक्स देखना हो, कंप्यूटर या लैपटॉप पर सारा दिन काम करना हो, वीडियो गेम्ज़ या फिर मोबाइल पर गेम या

सोशल मीडिया देखना ही क्यों न हो। हम सभी अपने दिन का अच्छा ख़ासा वक्त स्क्रीन को देखते हुए गुज़ारते हैं। अगर आपको भी स्क्रीन देखने की लत हो चुकी है तो आपके लिए यह जानना भी ज़रूरी है कि इसका ख़ामियाज़ा आपकी आंखों को उठाना पड़ता है। हाल ही में हुई रिसर्च के हिसाब से 70 प्रतिशत टीनएजर्स महसूस करते हैं कि उन्हें मोबाइल की लत लग चुकी है, और 40 प्रतिशत पैरेंट्स ये मानते हैं कि वे भी अपने स्मार्टफोन्स से दूर नहीं रह पाते। ऐसे भी कई लोग हैं जिन्हें लग सकता है कि वे फोन पर ज़्यादा वक्त नहीं गुज़ारते हैं, लेकिन उन्हें सोचना चाहिए कि वे रोज़ाना दिनभर में स्मार्टफोन, कंप्यूटर, लैपटॉप, टैबलेट, गेम्स और टीवी पर कितना वक्त लगाते हैं। हम में से ज़्यादातर लोग सोने से ज़्यादा वक्त स्क्रीन्स को देखने में लगाते हैं। यह समस्या किसी एक देश की नहीं है, यह देखना आसान है कि डिजिटल उपकरणों पर निर्भरता एक विश्वव्यापी समस्या है। कंप्यूटर स्क्रीन के सामने काम करने वाले 50 प्रतिशत से अधिक लोग डिजिटल आई स्ट्रेन नामक स्थिति का अनुभव करते हैं। डिजिटल आई स्ट्रेन के सामान्य लक्षणों में आंखों की थकान, आंखों में ड्राईनेस, आंखों में जलन या खुजली, आंखों का लाल होना और सिरदर्द होना शामिल हैं। इन लक्षणों को उच्च-ऊर्जा दृश्य प्रकाश या डिजिटल उपकरणों द्वारा उत्सर्जित "नीली रोशनी" के अत्यधिक संपर्क के कारण माना जाता है। शार्प साईट आई हॉस्पिटल्स में सीनीयर कंसल्टेंट, डॉ. हेम शाह ने कहा, "लंबे समय तक स्क्रीन पर देखने से आंखों पर स्ट्रेन पड़ सकता है जिससे आंखें थक जाती हैं। अगर आप कई घंटों तक छोटे-छोटे पिकसल्स को लागातर देखते रहेंगे, तो आप डिजिटल डिवाइसेज़ से निकलती नीली रोशनी को देखते हुए आंखों को कम झपकाएंगे और स्क्रीन की मूवमेंट आपकी आंखों के लिए ध्यान केंद्रित करना मुश्किल बनाएंगी। हम अक्सर लैपटॉप, मोबाइल या किसी भी तरह की स्क्रीन को सही दूरी या एंगल पर नहीं रखते, जिसकी वजह से भी आंखों पर ज़ोर पड़ता है। इन सभी चीज़ों की वजह से सिर दर्द, धुंधला दिखना, आंखों का रूखा होना, गर्दन व कंधे में दर्द होना आदि जैसी तकलीफें होती हैं।" "संक्षेप में कहें, तो हमारी आंखों को हर समय हाइड्रेशन और पोषण की ज़रूरत होती है, यही वजह है कि हमारी आंखें कई बार झपकती हैं। जब आप लंबे समय तक स्क्रीन पर देखते हैं, तो इससे आप आंखों को कम झरकाते हैं, जिससे आंखे रूखी पड़ने लगती है।" डिजिटल आईज़ से कैसे बचें? शार्प साईट आई हॉस्पिटल्स में सीनियर कंसल्टेंट डॉ. सौम्या शर्मा का कहना, "आंखों पर ज़ोर पड़ना एक सामान्य स्थिति है, जो विशेष रूप से लंबे समय तक कंप्यूटर, फोन और टैबलेट सहित डिजिटल उपयोग की वजह से होती है। अगर आप अपनी आंखों की परेशानी को कम करने के लिए कदम उठाते हैं, तो आपकी आंखों पर बहुत अधिक डिजिटल स्क्रीन टाइम के प्रभाव से आसानी से बचा जा सकता है।" "आंखों पर ज़ोर कम पड़े इसके लिए आप 20-20-20 नियम को फॉलो कर सकते हैं। इस नियम के तहत हर 20 मिनट बाद 20 सेकेंड का ब्रेक लें और डिजिटल स्क्रीन को 20 फीट दूर रखें। आप साथ ही आई-ड्रॉप्स का उपयोग भी कर सकते हैं। लाइटिंग का ध्यान भी रखें ताकि आंखों पर स्ट्रेन कम पड़े। इसके अलावा हर आधे घंटे पर 5 मिनट का ब्रेक लेने से थकावट और स्ट्रेन दोनों से बचा जा सकता है। अगर यह आसान से टिप्स फॉलो करने के बावजूद आपको आराम नहीं मिलता है, तो हो सकता है कि आप आंख से जुड़ी किसी और तरह की दिक्कत से जूझ रहो हों। इसके लिए डॉक्टर से ज़रूर सलाह लें।"

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