पाकिस्तान के एफएटीएफ की ग्रे लिस्‍ट में बने रहने के आसार, FATF की बैठक में हो सकता है फैसला

Khoji NCR
2022-03-04 12:37:27

इस्‍लामाबाद, आतंकी फंडिंग पर लगाम नहीं लगा पाने का खामियाजा भुगत रही इमरान खान की सरकार को एफएटीएफ से राहत मिलने के आसार नजर नहीं आ रहे हैं। समाचार एजेंसी पीटीआइ ने एक रिपोर्ट के हवाले से बता

ा है कि आतंकी फंडिंग के खिलाफ पाकिस्तान के निर्धारित लक्ष्यों को पूरा नहीं कर पाने के कारण जून 2022 तक एफएटीएफ की ग्रे सूची में बने रहने की संभावना है। आतंकी फंडिंग की निगरानी करने वाली वैश्विक संस्था पेरिस स्थित फाइनैंशियल एक्शन टास्क फोर्स (Financial Action Task Force, FATF) ने पिछली बैठक में पाकिस्‍तान को ग्रे लिस्‍ट में बरकरार रखा था। आतंकी फंडिंग पर लगाम लगाने में नाकाम रहने के कारण पाकिस्तान जून 2018 से ही एफएटीएफ की ग्रे लिस्‍ट में है। एफएटीएफ की ओर से पाक को निर्धारित लक्ष्यों को अक्टूबर 2019 तक पूरा करने को कहा गया था। पाकिस्‍तानी अखबार डान की रिपोर्ट के मुताबिक शुक्रवार को एफएटीएफ की पूरक बैठक का समापन सत्र है जिसमें आतंकवाद के खिलाफ पाकिस्तान के एक्‍शन की समीक्षा होनी है। पाकिस्तान अब जनवरी 2023 के अंत एफएटीएफ की कार्य योजना को पूरा करने के लक्ष्य पर काम कर रहा है। पिछले साल अक्टूबर में हुई बैठक में एफएटीएफ ने अपनी 27 सूत्री कार्य योजना के 26 बिंदुओं पर पाकिस्‍तान की ओर से प्रगति की बात कही थी लेकिन संयुक्त राष्ट्र की ओर से प्रतिबंध‍ित आतंकी संगठनों की फंडिंग की जांच और कार्रवाई को लेकर पाकिस्‍तान की सरकार के कदम से नाखुशी जताई थी। अंतत: एफएटीएफ ने पाकिस्‍तान को अपनी ग्रे लिस्‍ट में बरकरार रखा था। गौरतलब है कि पाकिस्तान अब तक चीन, तुर्की और मलेशिया जैसे सहयोगियों की मदद से एफएटीएफ की कार्रवाई से बचता रहा है। रिपोर्ट के मुताबिक एफएटीएफ की ओर से सौंपी गई कार्य योजना के सात सूत्रों में से चार को या तो पूरा कर लिया गया है या फिर उनमें प्रगति हुई है। एफएटीएफ की ग्रे लिस्‍ट में बने रहने के कारण पाकिस्‍तान अं‍तरराष्‍ट्रीय संस्‍थ्‍ज्ञाओं से कर्ज हासिल करने में मुश्किलें पेश आ रही हैं।

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