नई दिल्ली, । रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने शनिवार को दिल्ली विश्वविद्यालय (डीयू) के 98वें दीक्षा समारोह को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने कहा कि छोटे नहीं बड़े मन वाला बनना चाहिए। क्योंकि छोटे म
वाला अमेरिका में 9/11 को टावर गिराता है। बड़े मन वाले हमारे ऋषि मुनि थे। आपको यह ध्यान रखना होगा कि खूब पढ़-लिखकर, अमेरिका में पायलट की ट्रेनिंग करने वाला वर्ल्ड ट्रेड सेंटर गिराने वाला खालिद शेख या मोहम्मद अट्टा बन सकता है। डाक्टर होकर भी कोई अफजल गुरु बन सकता है और चार्टेड अकाउंटेंट होकर भी कोई याकूब मेनन बन सकता है। अरबपति होकर भी ओसामा बिन लादेन हो सकता है। इसलिए संस्कार बहुत महत्वपूर्ण हो जाते हैं। जो लोग केवल यह कहते हैं कि गरीबी, अशिक्षा, आतंकवाद का कारण है उन्हें यह उदाहरण गलत ठहराते हैं। देश आजादी का अमृत महोत्सव मना रहा है। भारत के ज्ञान, समानता, समरसता का स्मरण करते हुए षड्यंत्र पूर्वक जो बिष दिमाग मे भरा गया है। उसे बाहर निकालने की कोशिश करनी चाहिए। इस दौरान रक्षा मंत्री ने कहा कि सबसे अधिक खतरा प्रोगेसिव लोगों से हैं। जिन्हें मैं सो काल्ड प्रोगेसिव कहता हूं। हमारा सपना है कि भारत फिर से जगतगुरु बने। भारत को शक्तिमान, धनवान, ज्ञानवान बनाना चाहते है। देशवासियों को संस्कारवान बनाना चाहते हैं। हमारी शक्ति दुनिया के किसी देश को डराने के लिए नहीं होगी। भारत ही ऐसा देश है जिसने आजतक किसी अन्य देश पर आक्रमण नहीं किया। किसी अन्य देश की एक इंच तक जमीन नहीं कब्जा की। रक्षा मंत्री के संबोधन की प्रमुख बातें - युवा ही देश की ताकत है। - दृढ़ता, धैर्य और आत्मविश्वास जिन्दगी की बड़ी पूंजी होनी चाहिए। - कमजोरियां केवल दिमाग की उपज होती हैं। - स्टार्टअप को प्रमोट किया जा रहा है। 2020 में ही अबतक 10 नए यूनिकॉर्न जुड़े। - दुनिया में आध्यात्मिक ज्ञान केवल भारत के पास। मार्क जुकरबर्ग, स्टीव जॉब्स के नैनिताल-नीम करैली स्थित कैची बाबा मंदिर जाने का प्रसंग सुनाए। - भारत के इतिहास और संस्कृति में बेहतर भविष्य के निर्माण की ताकत है। उल्लेखनीय है कि इस बार कोरोना संक्रमण के कारण समारोह का हाईब्रिड आयोजन किया गया। भीड़ न उमड़े, इसके लिए दीक्षा समारोह का आनलाइन प्रसारण भी गया। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह समारोह के मुख्य अतिथि होंगे। दीक्षा समारोह में रिकार्ड शोधार्थियों को पीएचडी की डिग्री दी गई।
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