रूस-यूक्रेन संघर्ष पर क्‍या है US इंटेलिजेंस की रिपोर्ट? आखिर युद्ध को लेकर रूस क्‍यों है उतावला! एक्‍सपर्ट व्‍यू

Khoji NCR
2022-02-21 10:36:32

नई दिल्‍ली, । यूक्रेन और रूस के मध्‍य तनातनी के बीच हाल में अमेरिकन इंटेलिजेंस रिपोर्ट में कहा गया है कि यूक्रेन के पास तैनात 1.50 लाख रूसी सैनिकों में 40 से 50 फीसद जल्द ही जंग शुरू कर सकते हैं। अधिक

ारियों ने कहा रूस सीमा पर हमले करके यूक्रेन को युद्ध के लिए उसका रहा है। हालांकि, अब उसके अगले कदम के बारे में पुख्ता जानकारी नहीं है। ऐसे में सवाल उठता है कि रूस और यूक्रेन के बीच क्‍या युद्ध की स्थिति उत्‍पन्‍न होगी? आखिर अमेरिका ने इस तरह का अलर्ट क्‍यों जारी किया? इसके क्‍या निह‍ितार्थ हैं? यूक्रेन और रूस के तनातनी के बीच मास्‍को स्थित अमेरिकन एम्बेसी ने सेंट पीटर्सबर्ग समेत कई शहरों पर हमले की चेतावनी जारी की है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, रूस के कई शहरों में शापिंग सेंटर, रेलवे और मेट्रो स्टेशनों और पब्लिक प्लेस पर हमला हो सकता है। अमेरिकी एम्बेसी के प्रवक्ता जेसन रेभोल्ज ने कहा है कि रूस के लिए अमेरिकी मिशन की ओर से एक सुरक्षा चेतावनी जारी की है। अमेरिकन एम्बेसी ने अपने अलर्ट में कहा है कि भीड़ भाड़ वाली जगहों पर जाने से बचें। इसमें आगे कहा गया है कि अपनी सुरक्षा के बारे में दोस्तों और परिवार से जानकारी साझा करें। इसके अलावा पर्यटन स्‍थलों पर भी सतर्क रहने को कहा गया है। अलर्ट में कहा गया है कि रूस से बाहर निकलने का प्लान तैयार रखें। एम्बेसी ने अमेरिकी नागरिकों से असली पहचान पत्र साथ रखने की अपील की है, जिसमें रूसी वीजा और अमेरिकन पासपोर्ट शामिल है। 1- न्यूयार्क टाइम्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक रूस के राष्‍ट्रपति पुतिन ने पिछले हफ्ते रूसी सेना को यूक्रेन पर हमला करने का आदेश दिया था। इसके बाद जो बाइडन ने इस बारे में सार्वजनिक घोषणा किया। हालांकि, अमेरिकी अधिकारियों ने इस बारे में कुछ अन्‍य जानकारी देने से इंकार किया है। उधर, अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने एक चेतावनी में यह भी बताया है कि रूस की तरफ से युद्ध का बहाना गढ़ने के लिए कई तरह की पटकथा रची गई है। इस वजह से अभी तक यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि अगला रूसी हमला किस तरह का होगा। 2- प्रो. हर्ष वी पंत का कहना है कि अपने इस अलर्ट से अमेरिका ने रूस पर जबरदस्‍त दबाव बनाया है। अमेरिका ने एकदम युद्ध जैसे हालात उत्‍पन्‍न कर दिया है, जिससे रूसी सेना यूक्रेन की सीमा से पीछे हट जाए। उन्‍होंने कहा कि युद्ध टालने की यह एक कूटनीतिक चाल है। इसके तहत तनाव को चरम तक ले जाना है, ज‍िससे युद्ध होने का भ्रम हो। उन्‍होंने कहा कि सच्‍चाई यह है कि अमेरिका और रूस दोनों युद्ध करने की स्थिति में नहीं हैं, क्‍योंकि दोनों देश यह जानते हैं कि युद्ध का मतलब महाविनाश है। यह युद्ध सामान्‍य नहीं होगा। रूस अफगानिस्‍तान या इराक नहीं है। वह एक शक्तिशाली देश है। उसके पास महाविनाशक हथियार है। उसकी मारक क्षमता अमेरिका तक है, ऐसे में वह रूस पर युद्ध जैसा दबाव बना रहा है। 3- प्रो. पंत ने कहा है कि अमेरिका इस तरह का वातावरण पैदा कर रहा है, जिससे रूस और यूक्रेन पर पूरी दुनिया की नजरें जाए। उन्‍होंने कहा कि इसके पूर्व अमेरिकी राष्‍ट्रपति जो बाइडन संकेत दे चुके हैं कि यदि रूस यूक्रेन पर हमला करता है तो वह मास्‍को पर कठोर प्रतिबंध लगाएंगे। बाइडन के इस कथन के बड़े मायने हैं। उन्‍होंने यह संकेत दिया है कि वह रूस के साथ युद्ध नहीं बल्कि कठोर प्रतिबंध लगाएंगे। अलबत्‍ता युद्ध की स्थिति में अमेरिका यूक्रेन को महाविनाशक हथ‍ियारों की आपूर्ति करेगा। वह एक मित्र की तरह से उसकी युद्ध के समय और उसके बाद भी मदद करता रहेगा, लेकिन युद्ध की स्थिति अमेरिकी सैनिक जंग में प्रत्‍यक्ष हिस्‍सा नहीं लेंगे।

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