15 फरवरी तक अपनी 70 फीसद सैन्य शक्ति तैनात कर देगा रूस, युद्ध छिड़ने पर 50 हजार लोगों के मरने की आशंका

Khoji NCR
2022-02-06 14:44:21

वाशिंगटन,। यूक्रेन पर हमले के लिए रूस अपनी 70 प्रतिशत ताकत (सैनिक और हथियार) इस महीने के मध्य तक तैनात कर देगा। आशंका इस महीने के अंत में हमला होने की है। यह आकलन अमेरिका के वरिष्ठ अधिकारियों का ह

ै। न्यूयार्क टाइम्स ने इस हमले में 50 हजार लोगों के मारे जाने की आशंका जताई है। इनमें 35 हजार यूक्रेन के सैनिक और 10 हजार रूस के सैनिक होंगे। रूस की सैन्य तैयारियों पर चर्चा के लिए एकत्र हुए इन वरिष्ठ अमेरिकी अधिकारियों ने अनुमान लगाया कि राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन कुछ हफ्तों में सैन्य कार्रवाई का आदेश दे देंगे। यह अनुमान रूस के हाल के कदमों और तैयारियों के देखते हुए लगाया गया है। रूस का रणनीतिक परमाणु हथियार बल भी अभ्यास शुरू कर चुका है। माना जा रहा है कि मध्य फरवरी से लेकर मार्च तक कभी भी रूसी कार्रवाई शुरू हो सकती है। इस युद्ध में परमाणु हथियार के इस्तेमाल होने की आशंका नहीं है। लेकिन पश्चिमी देशों को युद्ध से दूर रखने के लिए चेतावनी के तौर पर रूस अपने परमाणु हथियार बल और लंबी दूरी की बैलेस्टिक मिसाइलों को सक्रिय कर रहा है। अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन पहले ही स्पष्ट कर चुके हैं कि युद्ध छिड़ने की स्थिति में वह अपनी सेना को लड़ने के लिए यूक्रेन में नहीं भेजेंगे। ब्रिटेन भी यही बात कह चुका है। नाटो के महासचिव जेंस स्टोल्टेनबर्ग ने भी साफ कर दिया है कि यूक्रेन नाटो का सदस्य देश नहीं है, इसलिए वहां पर नाटो की सेना लड़ने के लिए नहीं जाएगी। लेकिन बाइडन ने नजदीकी देशों पोलैंड और रोमानिया में सैन्य तैनाती बढ़ाने का आदेश दिया है जिससे उसके नाटो सहयोगी देशों की सुरक्षा को कोई खतरा पैदा न हो सके। अमेरिका और उसके सहयोगी देश यूक्रेन को हथियारों और प्रशिक्षण की मदद कर रहे हैं। साथ ही रूस पर कूटनीतिक दबाव भी बनाए हुए हैं। हमले की स्थिति में रूस पर कड़े आर्थिक प्रतिबंध लगाने की चेतावनी भी दे चुके हैं। संकेत यह भी है कि हमले की शुरुआत रूसी सीमा से होगी लेकिन ताकतवर हमला बेलारूस की ओर से होगा। बेलारूस सीमा से कीव की दूरी मात्र 75 किलोमीटर है। इसलिए वहां से हमला कर कीव पर आसानी से कब्जा किया जा सकेगा। न्यूयार्क टाइम्स और वाशिंगटन पोस्ट ने आशंका जताई है कि रूस की योजना यूक्रेन पर हमला कर राजधानी कीव पर कब्जा करने की है। इसके बाद वहां पर वह अपनी समर्थक सरकार के गठन की प्रक्रिया शुरू कर सकता है। इस हमले में 50 हजार लोग मारे जाने की आशंका है जिसमें बड़ी संख्या में दोनों देशों के सैनिक होंगे।

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