बीजिंग, अमेरिका के साथ बढ़ रहे टकराव के दौर में चीन विंटर ओलिंपिक का इस्तेमाल अपने राजनीतिक हित साधने के लिए कर रहा है। वह कूटनीति के जरिये ओलिंपिक के उद्घाटन समारोह में भाग लेने आए नेताओं के
ाथ घनिष्ठता बढ़ा रहा है। इसी सिलसिले में शुक्रवार और शनिवार को चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग ने कई देशों के आगंतुक नेताओं से बात की। राष्ट्रपति चिनफिंग शुक्रवार को ज्यादा समय रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ रहे और उनसे यूक्रेन व ताइवान मसले पर विस्तार से चर्चा की। चीन और रूस ने परस्पर हितों के मामलों में एक-दूसरे का साथ देने का संकल्प जाहिर किया। संयुक्त बयान जारी कर असीमित सहयोग की बात कही गई। इसी के साथ चीन ने नाटो का विस्तार न किए जाने का बयान दिया और रूस ने ताइवान को चीन का हिस्सा बताया। जाहिर है, इससे यूक्रेन संकट और बढ़ना है और ताइवान विवाद गहराने की राह बननी है। चिनफिंग ने शनिवार को मिस्त्र, सर्बिया, कजाखस्तान, उज्बेकिस्तान और तुर्कमेनिस्तान के नेताओं से मुलाकात की। चिनफिंग ने उद्घाटन समारोह में शामिल हुए देशों से मुलाकात बीजिंग के ग्रेट हाल आफ द पीपुल में कीं, जो खास मुलाकातों के लिए जाना जाता है। इसके जरिये चीन ने इन देशों को खास महत्व देने का संदेश दिया। दो साल से जारी कोविड महामारी के बीच चिनफिंग पहली बार अंतरराष्ट्रीय नेताओं से मिले। इस मौके पर चिनफिंग ने उन सभी सरकारों, लोगों और अंतरराष्ट्रीय संगठनों का शुक्रिया अदा किया जिन्होंने विंटर ओलिंपिक में सहयोग दिया है। उन्होंने कहा, चीन हर संभव तरीके से कोविड महामारी से दुनिया में उपजे दुष्प्रभाव को दूर करने के लिए प्रयास करेगा। विंटर ओलिंपिक खेलों के उद्घाटन समारोह में 30 से अधिक देशों के नेता शामिल हुए। जबकि भारत, अमेरिका, ब्रिटेन, कनाडा और कुछ अन्य पश्चिमी देशों ने विभिन्न कारणों से इन खेलों का राजनयिक बहिष्कार किया। समारोह में सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस, मिस्त्र और पोलैंड के राष्ट्रपति का आना खास तौर पर चर्चा का विषय रहा। सऊदी अरब और मिस्त्र को अमेरिका का खास सहयोगी माना जाता है जबकि पोलैंड नाटो का सदस्य होने के साथ यूक्रेन विवाद से भी जुड़ा हुआ है। कुछ अन्य देशों के नेताओं से चीन के प्रधानमंत्री ली कछ्यांग ने भी मुलाकात की और द्विपक्षीय मामलों में उन्हें चीन के सहयोग का भरोसा दिया।
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