दक्षिण चीन सागर में दबाव बढ़ाने में लगा अमेरिका, राष्ट्रपति चुनाव जीतने के बाद बाइडन का आक्रामक रुख बरकरार

Khoji NCR
2022-01-27 14:25:47

वाशिंगटन,। दक्षिण चीन सागर में अमेरिका और चीन की तनातनी को देखते हुए अमेरिकी सरकार अब चीन की नौसैनिक क्षमताओं को देखते हुए वहां पर अपनी सैन्य ताकत और बढ़ाना चाहती है। एशिया टाइम्स की रिपोर्ट

े अनुसार कुछ एशियाई नेताओं को डर था कि डोनाल्ड ट्रंप के चुनाव हारने के बाद अमेरिका चीन के खिलाफ अपने सख्त रवैये को छोड़ देगा लेकिन इसका उलटा ही हुआ है। राष्ट्रपति चुनाव जीतने के बाद जो बाइडन के रुख से कई अमेरिकी सहयोगियों की एशिया में पैठ बढ़ गई है। इस माह की शुरुआत में दक्षिण चीन सागर के विवादास्पद द्वीप समूहों में अमेरिकी युद्धपोत यूएसएस कार्ल विनसन के नेतृत्व में पांच दिवसीय नौसैनिक ड्रिल हुई। पिछले साल के मुकाबले यह नौसैनिक अभ्यास दो हफ्ते अधिक समय तक चला। चीन और ताइवान के बीच भारी तनाव के बीच अमेरिकी युद्धपोतों ने विगत रविवार को दक्षिणी चीन सागर में प्रवेश किया। हाल ही में अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन और जापानी प्रधानमंत्री फुमियो किशिदा ने पूर्वी चीन सागर और दक्षिण चीन सागर में यथास्थिति को बदलने के चीन की कोशिशों के खिलाफ कार्रवाई करने पर रजामंदी जताई थी। यही नहीं बीते शुक्रवार को आनलाइन तरीके से हुई बैठक में दोनों नेताओं ने स्वतंत्र और खुले हिंद-प्रशांत क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए एक क्वाड समूह की अ‍हमियत पर जोर दिया। अमेरिकी राष्‍ट्रपति जो बाइडन ने कहा था कि अमेरिका और जापान के बीच दीर्घकालिक गठबंधन रणनीतिक हिंद-प्रशांत क्षेत्र की सुरक्षा की आधारशिला है। वहीं व्हाइट हाउस की ओर से जारी बयान में कहा गया था कि हिंद-प्रशांत शक्तियों के रूप में अमेरिका और जापान इस क्षेत्र के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को बनाए रखने के लिए एकजुट हैं। गौरतलब है कि चीन लगभग समूचे विवादित दक्षिण चीन सागर पर अपना दावा करता है जिसका कई देशों की ओर से विरोध किया गया है।

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