नई दिल्ली, । गणतंत्र दिवस के खास मौके पर विश्वविख्यात सरोद वादक उस्ताद अमजद अली खान ने अपने दोनों सरोद वादक बेटों - अमान अली बंगश और अयान अली बंगश के साथ मिलकर महात्मा गांधी के पसंदीदा भजन 'वैष्
णो जन तो' को एक अद्भुत ढंग से प्रस्तुत किया है। देश की आजादी के 75वें साल में तीन मिनट की इस कर्णप्रिय प्रस्तुति को आज पैनोरमा म्यूजिक के यूट्यूब चैनल और अन्य ऑडियो प्लेटफॉर्म पर रिलीज किया गया। इस भजन की महत्ता से सभी वाकिफ है। इसे साबरमती आश्रम में महात्मा गांधी की मौजूदगी में अक्सर गाया जाता था और आज भी इसे उतनी ही शिद्दत के साथ गाया जाता है। उस्ताद अमजद अली खान और उनके दोनों प्रतिभाशाली बेटों ने इस भजन को बहुत ही दिलकश अंदाज में प्रस्तुत किया है। इस भजन की मूल आत्मा को बरकरार रखते हुए इसे बेहद सादगी मगर बहुत ही प्रभावी तरीके से फिल्माया गया है। उस्ताद खान साहब कहते हैं, "संगीत में सभी को एक ही धागे में पिरोकर रखने की ताकत होती है। खुश्बू, पानी, आग, रंग और हवा की तरह ही संगीत का सभी से गहरा ताल्लुक होता है। दुनिया में भाईचारे और सद्भावना की अलख जगाए रखने के लिए 'वैष्णव जन तो' की अहमियत आज की तारीख में पहले से कहीं ज्यादा है।" इस अनूठी और सुरीली साझेदारी के बारे में पैनोरमा म्यूजिक के सीईओ राजेश मेनन कहते हैं, "यह साल सभी भारतीयों के लिए बेहद खास है। आनेवाली पीढ़ियों के लिए इस भजन को और यादगार बनाने के लिए इसे एक बेहद अनूठे अंदाज में पेश किया गया, जो हर किसी के दिल को छू जाएगा। गौरतलब है कि उस्ताद अमजद अली खान 20वीं सदी के सबसे महान सरोद वादकों में से एक हैं। अमजद अली खान और उनके बेटों - अमान अली बंगश और अयान अली बंगश की ये जुगलबंदी बेहद दुर्लभ किस्म की है। तीनों की यह जुगलबंदी राष्ट्रीय सांस्कृतिक धरोहर से कम नहीं है। इस अद्भुत प्रोजेक्ट पर तीनों के साथ काम करना हमारे लिए बेहद गौरव की बात है।"
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