लॉन्ग कोविड के ऐसे 5 लक्षण जिन्हें अक्सर कर दिया जाता है नज़रअंदाज़!

Khoji NCR
2022-01-22 14:13:49

नई दिल्ली, कोरोना वायरस के बारे में हम एक चीज़ जानते हैं कि यह वायरस ऊपरी श्वसन पथ में संक्रमण करता है। वायरस श्वसन प्रणाली में प्रवेश करता है और कई गुणा बढ़ जाता है, जिससे सर्दी, खांसी, गले में

़राश, बुखार और थकान जैसे कई लक्षण दिखाई देते हैं। एक और चौंकाने वाला तथ्य यह है कि इस अत्यधिक संक्रामक रोग के लक्षण सिर्फ श्वसन पथ तक ही सीमित नहीं रहते। यह शरीर के दूसरे हिस्सों को भी प्रभावित करता है। इसमें से कुछ संकेत इलाज के साथ ग़ायब हो जाते हैं, दूसरे रिकवरी के बाद भी परेशान करते रहते हैं। थकावट, मांसपेशियों में दर्द, जोड़ों में दर्द, बालों का झड़ना, स्वाद और सुगंध का महसूस न होना लॉन्ग कोविड-19 की निशानी है। इसके अलावा ऐसे भी कुछ संकेत हैं, जिन्हें अक्सर नज़रअंदाज़ कर दिया जाता है, क्योंकि या तो वे बेहद हल्के होते हैं या फिर लोग इन्हें कोरोना वायरस से जोड़कर नहीं देखते। तो आइए नज़र डालते हैं कोविड-19 के कुछ ऐसे लक्षणों पर जिनपर आपको नज़र रखनी चाहिए। ​कमज़ोर सहनशक्ति कमज़ोरी और थकावट के साथ कोरोना वायरस आपकी सहनशक्ति को भी कमज़ोर करता है। संक्रमण को हराने के बाद आप ऊर्जा से भरपूर महसूस कर सकते हैं, लेकिन फिर भी पहले की तरह फुल एनर्जी के साथ काम नहीं कर पाएंगे। अगर आप सीड़ियां चढ़ने के बाद या फिर हल्की एक्सरसाइज़ करने के बाद कमज़ोर थकने लगते हैं, तो इसका मतलब आपकी सहनशक्ति में कमी आई है। एकाग्रता की कमी, ब्रेन फॉग और मिजाज़ में बदलाव, के साथ सिर दर्द भी COVID-19 से उबरने के बाद भी लंबे समय तक हो सकता है। जिन लोगों को पहले से सिर दर्द या माइग्रेन की शिकायत रहती है, उनकी लिए स्थिति और भी खराब हो सकती है। पैरेस्थीशिया ​पैरेस्थीशिया, सुन्न होना या शरीर के अंग में जलन का अहसास ज़्यादातर तब होता है, जब लंबे समय तक एक ही स्थिति में बैठे रहते हैं। लेकिन लॉन्ग कोविड में लोग बिना किसी वजह के ही सुन्न महसूस करते हैं। CDC के मुताबिक, सुन्न होना लॉन्ग कोविड का बड़ा लक्षण है। हालांकि, ज़रूरी नहीं कि हर कोई इस समस्या से गुज़रे। सोने में दिक्कत रात में नींद न आना ​लॉन्ग कोविड से जुड़ी एक आम समस्या है। हमें जब भी नींद न आने में दिक्कत आती है, तो हम इस समस्या को अक्सर नज़रअंदाज़ करते हैं। इस उम्र में नींद न आने की दिक्कत इतनी आम है कि हम अक्सर इसे लेकर परेशान नहीं होते। समय पर इसका इलाज न होने से यह नींद न आने की बीमारी में बदल जाता है। इसलिए समय रहते इसका इलाज कराएं। तनाव लोगों का अक्सर मानना होता है कि तनाव आधुनिक ज़िंदगी का हिस्सा है और इससे बचने का कोई तरीका नहीं है। यह बात बिल्कुल सही है, लेकिन हमेशा इसे संभालने के तरीके भी होते हैं। तनाव को लंबे समय तक छिपा कर नहीं रखा जा सकता। यह आपके रिश्तों को प्रभावित करने लगता है, साथ ही मूड और सेहत को भी। लॉन्ग कोविड के मामले में, जो लोग पहले से तनाव से घिरे हुए हैं, वे बेचैनी महसूस करेंगे, यहां तक कि अवसाद का शिकार भी हो जाएंगे। तनाव के अपने स्तर को मैनेज करें और अगर यह कोविड के बाद और बदतर हो जाए, तो मेडिकल सहायता लें।

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