नई दिल्ली, । कोरोना महामारी के बीच चुनाव सुरक्षित भी हो और उम्मीदवारों को जनता के बीच जाने का अवसर भी मिले, इसे लेकर मंथन तेज हो गया है। इस संबंध में शनिवार को चुनाव आयोग की केंद्रीय स्वास्थ्य स
चिव के साथ बैठक हुई है। बैठक में हर चरण में निर्धारित दिनों तक प्रचार की छूट दी गई है। पांच राज्यों में लगे प्रतिबंध को 31 जनवरी के अंत तक बढ़ाया गया है। लेकिन पहले चरण वाले क्षेत्रों में 28 जनवरी से प्रचार की अनुमति दी गई है। यह छूट चरणवार दी जाएगी, ताकि एकबारगी पूरे प्रदेश में भीड़ न इकट्ठी होने लगे। आठ जनवरी को पांच राज्यों में इलेक्शन की तारीखों की घोषणा के बाद चुनाव आयोग ने 15 जनवरी तक रैलियों और जनसभाओं पर रोक लगाई थी। इस दौरान कहा गया था कि कोरोना के हालात के समीक्षा के बाद फैसला लिया जाएगा। 15 जनवरी को समीक्षा के बाद बैन 22 जनवरी तक बढ़ा दिया गया था। डोर-टू-डोर कैंपेन में दी राहत आयोग ने चुनावी मैदान में उतरे राजनीतिक दलों और उम्मीदवारों को राहत देते हुए पहले चरण के चुनावों के लिए 28 जनवरी से सार्वजनिक बैठकें करने की अनुमति दी है। वहीं दूसरे चरण के चुनावों के लिए दो फरवरी से छूट दी गई है। इस दौरान डोर-टू-डोर अभियान के लिए पांच लोगों की तय सीमा को बढ़ा कर दस लोगों की कर दी गई है। वहीं प्रचार के लिए इस्तेमाल होने वाली वीडियो वैन का इस्तेमाल कोविड-19 प्रतिबंधों में ध्यान में रखते हुए करने के निर्देश दिए गए हैं। इसके लिए जिला चुनाव आयोग से पहले इस संबंध में मंजूरी लेना अनिवार्य होगा और कोरोना के नियमों का पालन करना भी जरूरी है। सिर्फ सोशल मीडिया पर कैम्पेन करने की इजाजत रहेगी।
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