नई दिल्ली, : पीएम नरेंद्र मोदी ने वीडियो कान्फ्रेंसिंग के जरिए तमिलनाडु में 11 नए सरकारी मेडिकल कालेजों का उद्घाटन किया है। इस दौरान प्रधानमंत्री ने पिछले सात सालों के दौरान देश में चिकित्सा क
े क्षेत्र में हुए विकास पर रोशनी डाली। उन्होंने बताया कि 2014 में देश में लगभग 82 हजार मेडिकल अंडर ग्रेजुएट और पोस्ट ग्रेजुएट सीटें थीं। पिछले सात सालों में यह संख्या बढ़कर करीब 1 लाख 48 हजार सीटों पर पहुंच गई है। यह लगभग 80फीसदी की वृद्धि है। चिकित्सा क्षेत्र में हुई क्रांती का उल्लेख वर्चुअल उद्घाटन समारोह में पीएम मोदी ने बताया कि 2014 में हमारे देश में कुल 387 मेडिकल कालेज थे। पिछले सात वर्षों में यह संख्या बढ़कर 596 मेडिकल कालेज हो गई है। यह करीब 54फीसदी की वृद्धि है। वहीं, 2014 में देश में सिर्फ सात एम्स थे, लेकिन 2014 के बाद स्वीकृत एम्स की संख्या 22 हो गई है। साथ ही, चिकित्सा शिक्षा क्षेत्र को और अधिक पारदर्शी बनाने के लिए विभिन्न सुधार किए गए हैं। चिकित्सा सुविधा सबके लिए सहज बनाने की पहल पीएम मोदी ने कोविड-19 महामारी के बारे में बात करते हुए, चिकित्सा क्षेत्र के महत्व का उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि भविष्य उन लोगों का होगा जो स्वास्थ्य सेवा में निवेश करते हैं। भारत सरकार इस क्षेत्र में कई सुधार लाई है। केंद्र सराकर की आयुष्मान भारत योजना की मदद से गरीबों के पास उच्च गुणवत्ता और सस्ती स्वास्थ्य सेवा है। वहीं घुटनों के प्रत्यारोपण और स्टेंट की लागत पहले की तुलना में एक तिहाई हो गई है। प्रधानमंत्री ने कहा कि वो आने वाले वर्षों में भारत को गुणवत्ता और सस्ती देखभाल के लिए जाने-माने गंतव्य के रूप में देखते हैं। प्रधानमंत्री ने देश के डाक्टरों के कौशल के आधार पर कहा कि भारत में मेडिकल टूरिज्म का हब बनने के लिए जरूरी हर चीज मौजूद है। साथ ही उन्होंने चिकित्सा बिरादरी से टेलीमेडिसिन को भी देखने का आग्रह किया। सीआईसीटी के नए परिसर का उद्घाटन पीएम मोदी ने वर्चुअल समारोह के दौरान सेंट्रल इंस्टीट्यूट आफ क्लासिकल तमिल (सीआईसीटी) के नए परिसर का भी उद्घाटन किया। उन्होंने कहा कि वो तमिल भाषा और संस्कृति की समृद्धि पर मोहित रहे हैं। उनके जीवन के सबसे सुखद क्षणों में से एक था जब उन्हें संयुक्त राष्ट्र में दुनिया की सबसे पुरानी भाषा तमिल में कुछ शब्द बोलने का मौका मिला। पीएम मोदी ने कहा कि हमारी सरकार को बनारस हिंदू विश्वविद्यालय में तमिल अध्ययन पर 'सुब्रमण्य भारती पीठ' स्थापित करने का भी सम्मान मिला है। मेरे संसदीय क्षेत्र में स्थित, यह तमिल के बारे में अधिक उत्सुकता पैदा करेगा।
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