लखनऊ, । उत्तर प्रदेश में दस फरवरी से होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले ही भारतीय जनता पार्टी को झटका लगा है। योगी आदित्यनाथ सरकार में कैबिनेट मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य के अपने पद से इस्तीफा द
ने के बाद तीन और विधायकों ने भाजपा से इस्तीफा दे दिया है। स्वामी प्रसाद के साथ इस्तीफा देने वाले समाजवादी पार्टी में शामिल होंगे। समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव से मुलाकात करने के बाद स्वामी प्रसाद मौर्य के अचानक इस्तीफा देने के बाद से उनके समर्थक भी सामने आ गए। स्वामी प्रसाद के साथ कानपुर में बिल्हौर विधानसभा क्षेत्र से भाजपा विधायक भगवती सागर, बांदा की तिंदवारी सीट से भाजपा विधायक बृजेश प्रजापति और शाहजहांपुर के तिलहर से भाजपा विधायक रोशन लाल वर्मा ने पार्टी को अपना त्यागपत्र सौंप दिया है। इन सभी का समाजवादी पार्टी में जाना तय है। रोशन लाल वर्मा ने तो समाजवादी पार्टी की सदस्यता ग्रहण कर ली है। यह सभी विधायक स्वामी प्रसाद मौर्य खेमे के हैं। अखिलेश यादव के समाजवादी पार्टी में स्वामी प्रसाद मौर्य का स्वागत करने के बाद भारतीय जनता पार्टी के कई विधायकों ने भी पार्टी छोड़ दी है। बांदा के तिंदवारी ने भाजपा विधायक ब्रजेश प्रजापति ने भाजपा की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है। प्रजापति ने कहा कि स्वामी प्रसाद मौर्य तो शोषितों व पीडि़तों की आवाज हैं, वह हमारे नेता हैं और मैं उनके साथ हूं। कानपुर नगर जिले के बिल्हौर से भाजपा विधायक भगवती सागर ने भी भाजपा से अपना इस्तीफा दे दिया है। इनके साथ ही श्रम बोर्ड के सदस्य रजनीकांत मौर्य और श्रम बोर्ड में उनके समर्थकों ने भी भाजपा से इस्तीफा दे दिया है। शाहजहांपुर के तिलहर से भाजपा विधायक रोशन लाल वर्मा तो स्वामी प्रसाद मौर्य का इस्तीफा लेकर राजभवन में गए थे। उन्होंने कहा कि मैंने भाजपा को छोड़ दिया है। स्वामी प्रसाद मौर्य के त्याग पत्र के साथ राजभवन आए रोशन लाल वर्मा ने कहा कि मौर्य की तबीयत खराब थी और इसलिए वह मौर्य का इस्तीफा लेकर आए थे। वर्मा ने कहा कि मेरे साथ तीन और विधायकों ने भाजपा को छोड़ दिया है। भाजपा के कुछ अन्य विधायकों ने भी 14 जनवरी तक अपना रास्ता तय कर लिया है। कानपुर देहात से भाजपा विधायक भगवती प्रसाद सागर लखनऊ में स्वामी प्रसाद मौर्य के आवास पहुंचे। उनका दावा है कि अभी 11-12 और विधायक समाजवादी पार्टी में शामिल होंगे। पिछड़ी जाति के नेता स्वामी प्रसाद मौर्य की भाजपा में एंट्री को सोशल इंजीनियरिंग का नतीजा माना जा रहा था, लेकिन अब पिछड़े समाज के बड़े नेता के बीजेपी छोडऩे से पार्टी को बड़ा झटका लगा है। स्वामी प्रसाद मौर्य के त्याग पत्र देने के बाद विधायक ममताश शाक्य, विनय शाक्य, नीरज मौर्य और धर्मेन्द्र शाक्य भी विधानसभा चुनावों से ठीक पहले भाजपा को छोड़ सकते हैं।
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