भौंड़सी जेल में फिर मिले लावारिस हालत में तीन मोबाइल-नही रूक रहा मोबाइल मिलने का सिलसिला सोहना,(उमेश गुप्ता): सोहना एरिया के भौंड़सी स्थित जिला मार्डन कारागार में मोबाइल मिलने वाला सिलसिला थ
ने का नाम नही ले रहा है। प्रदेश की सबसे सुरक्षित कही जाने वाली भौंड़सी जेल आए दिन तलाशी के दौरान मोबाइल मिलने से सुर्खियों में आ गई है। यहां पर जेल प्रशासन ने आज अचानक चलाए गए तलाशी अभियान के दौरान एक बार फिर तीन मोबाइल लावारिस हालत में बरामद किए है। जेल प्रशासन की माने तो इनमें से 2 मोबाइल तो जेल की एक बैरक के भीतर गढढा खोदकर दबाए गए थे। जब जेल प्रशासन ने जेल की बैरकों में औचक तलाशी अभियान चलाया तो जेल की बैरक-7 में तलाशी के वक्त एक स्थान पर ताजा मिटटी खोदकर दोबारा से दबाई गई नजर आई। जिस पर शक होने पर जब मिटटी को दोबारा से खोदा गया तो उसके भीतर बने गढढे में प्लास्टिक की पॉलीथीन में 2 मोबाइल लावारिस हालत में मिले जबकि एक मोबाइल जेल की टायलेट से लावारिस हालत में पड़ा मिला है। जांच में सामने आया कि बरामद किए गए तीनों ही मोबाइलों के ईएमआई नंबर मिटे हुए है। जब जेल प्रशासन ने जेल में लावारिस हालत में 3 मोबाइल मिलने की जानकारी भौंड़सी पुलिस को दी तो भौंड़सी पुलिस घटनास्थल पर पहुंच गई और बरामद किए मोबाइलों को कब्जा पुलिस में लेकर अब यह जांच कर रही है कि यह मोबाइल किस कैदी ने जेल प्रशासन की निगाहों से बचाने के लिए बैरक में गढढा खोदकर और टायलेट में छुपाए थे। मात्र सात दिन में जेल से अब तक 5 मोबाइल बरामद हुए है, जिनमें बरामद स्मार्टफोन में तो एक वर्ष की नेट वैधता भी मिली। बीते छह महीनों में जेल के अंदर से काफी मोबाइल बरामद किए जा चुके है। देखने वाली बात ये है कि जेल के भीतर बंद कैदियों तक गैर कानूनी वस्तु ना पहुंचे, इसके लिए जेल प्रशासन ने ठोस व्यवस्था कर रखी है। बावजूद इसके कभी कैदियों के पास तो कभी जेल में बैरकों की छत पर तो कभी दीवारों के पास लावारिस हालत में मोबाइल मिलने से जाहिर है कि जेल में मोबाइलों का चलन थमने का नाम नही ले रहा है। बताया गया है कि भौंड़सी जेल में चलाए गए तलाशी अभियान के दौरान आज लावारिस हालत में जो 3 मोबाइल मिले है, गौर करने वाली बात ये है कि पहले भी काफी बार जब जेल में अचानक तलाशी अभियान चलाया गया तो कई कैदियों के पास से स्मार्टफोन बरामद हुए। उस वक्त पकड़ में आने वाले कैदियों ने पूछताछ में खुलासा किया था कि वह बरामद स्मार्टफोन मोबाइल का इस्तेमाल करते थे। साथ ही भौंड़सी जेल में बंद होने के बावजूद वह पकड़ में आए स्मार्टफोन के जरिए बाहरी दुनिया में अपने चहेतों से वाटसअप कॉलिंग के साथ-साथ फेसबुक भी प्रयोग करते थे। जिससे भौंड़सी जेल में मोबाइल पर बंदिश के जेल प्रशासन के दावों की पोल पहले भी वक्त-वक्त पर खुलती रही है। एसीपी काईम प्रीतपाल सिंह का कहना है कि इस मामले में जेल प्रशासन की शिकायत पर भौंड़सी पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है और जांच शुरू कर दी है। काबिले गौर यह कि अब से पहले भी वक्त-वक्त पर भौंड़सी स्थित यह जिला मार्डन जेल कभी जेल में बंद अपराधियों के जेल में बैठे-बैठे धमकी भरे फोन व अवैध वसूली की मांग तो कभी नशीले पदार्थों और सिम व मोबाइल फोनों की बरामदगी, कैदियों के बीच गैंगवार, कभी जेल बैरक के समीप विदेशी रिवाल्वर मिलने, जेल के भीतर बंद कैदी के अपने साथी के साथ ही कुकर्म करने, एक कैदी के दूसरे कैदी को अंगीठी मारकर हत्या करने, जेल वार्डनों के बीच आपस में टकराव, कभी जेल वार्डन को जेल के भीतर गांजा ले जाते रंगे हाथों पकड़े जाने तो कभी जेल में अपने वर्चस्व को लेकर कैदियों के दो गुटों के बीच खूनी संघर्ष जैसे कारनामों के चलते भौंड़सी जिला जेल अपने शुरूआती दिनों से आज तक वक्त-वक्त पर अखबारों की सुर्खिया बनती रही है। भौंड़सी पुलिस थाना प्रभारी इंस्पेक्टर जयबीर का कहना है कि पुलिस जांच-पड़ताल में जुटी है ताकि इस बात का खुलासा हो सके कि जेल में यह मोबाइल फोन किसने, कब और किन कैदियों तक पहुंचाने के लिए यह प्रयास किया। उन्होने बताया कि भौंड़सी पुलिस थाने में पुलिस ने जेल प्रशासन की शिकायत पर मुकदमा दर्ज कर लिया है और जांच में जुटी है।
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