मनोज डागर हत्याकांड में संलिप्त रहे बदमाश को अदालत ने रिमांड पर पुलिस को सौंपा सीआईए पुलिस टीम आरोपी बदमाश को अदालत में पेश कर पूछताछ के लिए 4 दिन की रिमांड पर लिया-कड़ाई से हो रही पूछताछ सोहन
के गांव अलीपुर की महिला सरपंच ममता डागर के पति मनोज डागर हत्याकांड में वांछित था आरोपी मुकेश कुमार उर्फ प्रिंस जी तोड़ प्रयासों के बावजूद पकड़ में ना आने पर पुलिस ने मुकेश कुमार उर्फ प्रिंस पर किया था 5 हजार का इनाम घोषित फरूखनगर के गांव पातली के रहने वाले और गैंगस्टर अशोक राठी के मामा के पुत्र पुष्कर ने जेल में रहते हुए मनोज डागर को टपकाने की रची साजिश-पुष्कर ने ही मनोज डागर अलीपुरिया की हत्या के लिए दिया था मुकेश उर्फ प्रिंस को निर्देश-अशोक राठी से रंजिश के चलते की गई मनोज की हत्या-पकड़ में आया आरोपी गैंगस्टर अशोक राठी गैंग से जुड़ा रहा है शातिर बदमाश सोहना,(उमेश गुप्ता): सीआईए पुलिस ने यहां पर ब्लॉक के गांव अलीपुर की महिला सरपंच ममता डागर के पति 36 वर्षीय मनोज डागर हत्याकांड मामले में वांछित रहे चौथे आरोपी को मंगलवार को पकडऩे में कामयाबी पाई है। पकड़े गए आरोपी की पहचान 23 वर्षीय मुकेश कुमार उर्फ प्रिंस पुत्र खेमचंद निवासी वार्ड-5, न्यू अग्रवाल कॉलोनी, गांव कोसीकला, जिला मथुरा, उत्तरप्रदेश के रूप में हुई है। आरोपी पर पुलिस ने 5 हजार रुपए का इनाम घोषित किया हुआ था लेकिन आरोपी पुलिस की पकड़ में आने से बच रहा था। तलाशी में पुलिस ने आरोपी के पास से एक देशी पिस्तौल व 3 जिंदा कारतूस बरामद किए है। आरोपी को सीआईए पुलिस निरीक्षक नरेन्द्र चौहान की अगुवाई वाली टीम ने पकडऩे में कामयाबी पाई है। पकड़े गए आरोपी को सीआईए पुलिस टीम ने आज ही अदालत में पेश कर रिमांड पर दिए जाने की मांग की। जिस पर अदालत ने आरोपी को पूछताछ के लिए 4 दिन की रिमांड पर पुलिस को सौंप दिया है। ध्यान योग्य ये है कि मनोज डागर हत्याकांड में इससे पहले पुलिस पुष्कर निवासी गांव हाजीपुर पातली और गैंगस्टर अशोक राठी के भाई महेश उर्फ नीशु निवासी गांव अलीपुर, ब्लॉक सोहना, थाना भौंड़सी व एक लाख रुपए के इनामी बदमाश अंकित मूल निवासी गांव कुलताना, थाना सांपला, जिला रोहतक को पहले ही गिरफ्तार कर चुकी है जबकि चौथे आरोपी 23 वर्षीय मुकेश कुमार उर्फ प्रिंस पुत्र खेमचंद निवासी वार्ड-5, न्यू अग्रवाल कॉलोनी, गांव कोसीकला, जिला मथुरा, उत्तरप्रदेश को सीआईए पुलिस निरीक्षक नरेन्द्र चौहान की अगुवाई वाली टीम ने आज पकडऩे में कामयाबी पाई है। पुलिस प्रवक्ता सुभाष बोकन का कहना है कि जब आरोपी से पुलिस ने कड़ाई से पूछताछ की और उसने सोहना ब्लॉक के गांव अलीपुर की महिला सरपंच ममता डागर के पति 36 वर्षीय मनोज डागर हत्याकांड मामले में अपनी संलिप्तता बताई आरोपी को चार दिन की रिमांड पर पूछताछ के लिए लिया गया है। आरोपी से सीआईए पुलिस कड़ाई से पूछताछ कर रही है ताकि और भी अनसुलझी वारदातों को सुलझाने में मदद मिले। पुलिस प्रवक्ता सुभाष बोकन का कहना है कि सीआईए पुलिस की प्रारंभिक पूछताछ में सामने आया है कि मनोज डागर को गोली मारने वाली वारदात को अंजाम देते वक्त मुकेश कुमार उर्फ प्रिंस अपने अन्य साथियों के साथ हथियार समेत घटनास्थल पर मौजूद रहा और वह इसी बात पर निगाह रखे रहा कि यदि मनोज डागर गोली लगने पर दाए या बाए भागे तो वह भी उसे गोली मारकर उसकी हत्या कर देगा लेकिन उसके साथी द्वारा मारी गई गोली से ही मनोज डागर घटनास्थल पर ही गिर गया और उसी वक्त मुकेश कुमार उर्फ प्रिंस अपने साथियों समेत वहां से भाग निकलने में कामयाब हो गया। मुकेश उर्फ प्रिंस ने पुलिस पूछताछ में खुलासा किया है कि गैंगस्टर अशोक राठी के मामा के लडक़े पुष्कर और अशोक राठी के भाई महेश उर्फ नीशु को शक रहा कि सरपंच प्रतिनिधि मनोज डागर ने ही अशोक राठी की हत्या करवाई है। इसलिए उन्होने गैंगस्टर अशोक राठी की हत्या का बदला लेने के लिए अपने अन्य साथियों के साथ मिलकर मनोज डागर हत्याकांड को चालू वर्ष में पंद्रह जुलाई को उस वक्त अंजाम दिया, जब 36 वर्षीय मनोज डागर सोहना शहर में सिटी पुलिस थाने के सामने बने कृष्णा हास्पिटल में दोपहर सवा 3 बजे अपनी बेटी को दवाई दिलवाने के लिए गाड़ी में आया था। गाड़ी में मनोज डागर व उसकी बेटी ही थी। जब वह अस्पताल से निकल कर गाड़ी में बैठने लगे तो शहर पुलिस थाने के समीप आरोपियों ने मनोज डागर को घेरकर गोली मार दी जोकि वारदात को अंजाम देने के लिए पहले से ही घात लगाकर वहां आसपास में छुपे हुए थे। ध्यान योग्य ये है कि चालू वर्ष में पंद्रह जुलाई को सोहना ब्लॉक के गांव अलीपुर महिला सरपंच ममता डागर के पति 36 वर्षीय मनोज डागर को सोहना सिटी पुलिस थाने के नजदीक बदमाशों ने गोलियां मारी थी और भागने में कामयाब रहे थे। कुछ दिन बाद मनोज डागर की अस्पताल में मौत हो गई। तब पुलिस ने मनोज डागर की मौत के बाद इस मामले को हत्या के प्रयास से हत्या में परिवर्तित करते हुए धारा-302 को भी साथ जोड़ दिया था और उस वक्त पुलिस ने मनोज डागर के भाई की शिकायत पर अज्ञात बदमाशों के खिलाफ हत्या के प्रयास का मामला दर्ज किया था। इस मामले में पुलिस ने गैंगस्टर अशोक राठी के भाई महेश उर्फ नीशु राठी को गिरफ्तार किया था, जो उसी गांव का रहने वाला है। जिस अलीपुर गांव का मनोज डागर रहने वाला था और जांच में सामने आया कि मनोज डागर पर कातिलाना हमला उसी के गांव के रहने वाले गैंगस्टर अशोक राठी के भाई महेश उर्फ नीशु राठी ने कराया था। पुलिस ने जब उस वक्त पकड़ में आए गैंगस्टर अशोक राठी के भाई महेश उर्फ नीशु राठी से कड़ाई से पूछताछ की तो उसने अपना जुर्म कबूलते हुए खुलासा किया कि अशोक राठी व मनोज डागर के बीच अशोक राठी की पत्नी सुषमा के पिता वाले घर को लेकर विवाद था। अशोक राठी ने अपनी पत्नी सुषमा की हत्या के बाद उसके घर पर कब्जे की कोशिश की थी मगर मनोज डागर ने सुषमा के परिजनों का साथ देते हुए उसके घर पर कब्जा नही होने दिया। गैंगवार के चलते इसी बीच अशोक राठी की हत्या हो गई। तब अशोक राठी के भाई नीशु ने मनोज से बदला लेने की कसम खाई और एक साजिश रच मनोज की हत्या करवाने के लिए गोली चलवाई। नीशु ने मनोज की हत्या की योजना तैयार कर भौंड़सी जेल में बंद अपने मामा के लडक़े पुष्कर से संपर्क किया और पुष्कर ने ही दो शूटर तैयार तैयार किए, जो मनोज पर गोली चलाने की वारदात को अंजाम देने के बाद भाग निकले और गोली लगने पर मनोज डागर सत्ताईस दिनों तक एक बड़े अस्पताल में जिंदगी व मौत के बीच जूझने के बाद जिंदगी की लड़ाई हार गया। पुलिस प्रवक्ता सुभाष बोकन ने बताया कि इस मामले में सीआईए पुलिस में कार्यरत सहायक सबइंस्पेक्टर दीपचंद फौगाट की अगुवाई वाली टीम ने बीते पांच अगस्त को इस वारदात की साजिश रचने वाले एक आरोपी और गैंगस्टर अशोक राठी के सगे भाई महेश उर्फ नीशु पुत्र महावीर सिंह मूल निवासी गांव अलीपुर, ब्लॉक सोहना को शहर में इंडरी मोड पर घेराबंदी डाल एक स्थान से पकडऩे में कामयाबी पाई थी। सामने आया कि सीआईए पुलिस की पकड़ में आया आरोपी गैंगस्टर अशोक राठी का सगा भाई है। जब सीआईए पुलिस ने उसे थाने में लाकर कड़ाई से पूछताछ की तो मनोज डागर गोलीकांड की अनसुलझी गुत्थी सच्चाई सामने आने पर एकदम सुलझ गई। पूछताछ में आरोपी ने खुलासा किया कि पुरानी रंजिश के चलते उसने इस वारदात को अंजाम दिलाया था। पुलिस की माने तो आरोपी ने पूछताछ में बताया कि गांव अलीपुर में गैंगस्टर अशोक राठी की धर्मपत्नी सुषमा के नाम पर मकान था। सुषमा राठी की जब बच्चों को स्कूल छोडऩे जाते वक्त हत्या हो गई तो उसके बाद इस मकान पर अशोक राठी ने कब्जा कर लिया और जब गैंगस्टर अशोक राठी की भी हत्या हो गई तो उसके बाद उसने अशोक राठी के साथियों के साथ मिलकर उस मकान पर कब्जा कर लिया। मामला ग्रामपंचायत के संज्ञान में आने पर ग्रामपंचायत सरपंच श्रीमती ममता डागर के पति मनोज डागर ने सुषमा राठी के नाम वाले मकान से उनका कब्जा छुड़वा दिया और सुषमा के परिजनों का खुला साथ देकर उस मकान पर ताला लगवा दिया। तभी से वह मनोज डागर से रंजिश रखने लगा। उस वक्त गैंगस्टर अशोक राठी के भाई महेश ने खुलासा किया कि थानाक्षेत्र फरूखनगर के गांव पातली का रहने वाला उसके मामा का पुत्र पुष्कर भी गैंगस्टर है, जो हत्या के एक मामले में जेल में बंद है। इस मामले में जब उसकी पुष्कर से बात हुई तो पुष्कर ने मनोज डागर को टपकाने के लिए कहा ताकि उनके बीच कांटा बने मनोज डागर को रास्ते से हटाया जा सके। जिसके बाद उसने मनोज डागर को अपने रास्ते से हटाने के लिए पूरी योजना तैयार कर बदमाशों को उसकी टोह में लगा दिया और वारदात वाले दिन जब मनोज डागर पंद्रह जुलाई की शाम करीब चार बजे अपनी 9 वर्षीय पुत्री को बीमार होने पर स्कार्पियों में बैठाकर यूनियन बैंक के नजदीक एक डाक्टर के क्लीनिक पर लाए तो बेटी को निजी अस्पताल में दिखाने के बाद जैसे ही वह स्कार्पियो में बैठे कि तभी अचानक एक युवक उनकी गाड़ी के पास आया और ड्राईविंग सीट पर बैठे मनोज डागर को निशाने पर लेकर गोलियां चलानी शुरू कर दी। चलाई गई गोलियों में से एक गोली मनोज डागर को गर्दन में लगी। मनोज डागर तुरंत अपने मुंह पर लगे मास्क को हटाते हुए जान बचाने के लिए निजी अस्पताल के अंदर भागे और खून से लथपथ होने पर अस्पताल के फर्श पर ही गिर गए। इसी बीच हमलावर घटनास्थल पर इकटठा भीड़ का फायदा उठाकर भाग निकलने में कामयाब रहे। इस घटना से यह जाहिर हो गया कि चाहे गैंगस्टर अशोक राठी इस दुनिया में नही रहा लेकिन उसके गिरोह के बदमाश दोबारा से गिरोह को संगठित करने का काम कर रहे है।
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