नई दिल्ली, कहते हैं कि रक्तदान महादान होता है। अलग-अलग बीमारियों से जूझ रहे लोगों को नियमित अंतराल पर रक्त की आवश्यकता होती है। कई रिपोर्ट इस बात की तस्दीक करती हैं कि दुर्घटनाग्रस्त व्यक्ति
को अगर राहत और रक्त समय से पहुंच जाएं, तो उसकी जान बचाई जा सकती है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि भारत में किस ब्लड ग्रुप की क्या स्थिति है। किस ब्लड ग्रुप के लोग सबसे अधिक संख्या में हैं। रेसू निगेटिव द्वारा जुटाए गए आंकड़ों के अनुसार, भारत में बी+ ग्रुप वालों की संख्या सबसे अधिक है। भारत में 38.13 फीसद लोगों को ब्लड ग्रुप B+ है। 27.85 प्रतिशत लोगों का ब्लड ग्रुप o+ और 20.8 प्रतिशत लोगों का ब्लड ग्रुप A+ है। 8.93 फीसद लोगों का ब्लड ग्रुप AB+ है। दक्षिण एशियाई देशों में भी ब्लड ग्रुप B कॉमन है। वैश्विक स्तर पर बात करें, तो सबसे कॉमन ब्लड ग्रुप o है। वहीं, सबसे कम मिलने वाला ब्लड ग्रुप AB है। आस्ट्रेलिया में 40 फीसद लोग O+ ब्लड ग्रुप के हैं। A+, B+, AB+ 31 फीसद, आठ फीसद और दो फीसद ब्लड ग्रुप के हैं। अमेरिका में O और A ब्लड ग्रुप के 44 फीसद और 42 फीसद लोग हैं, जबकि B और AB ब्लड ग्रुप के 10 और 40 फीसद हैं। सऊदी अरब में 48 फीसद लोग 0+ ग्रुप, 24 फीसद A+, 17 फीसद B+ और 4 फीसद AB+ ग्रुप के हैं। रक्त क्या है और उसका कार्य रक्त हमारे शरीर में पाए जाने वाला जीवनदायी तरल पदार्थ है, जो हमारे जीवन का आधार है। रक्त पोषक तत्व और ऑक्सीजन को कोशिकाओं तक पहुंचाता है और अपशिष्ट पदार्थों को शरीर के बाहर निकालने में मदद भी करता है। रक्त हमारे शरीर के तापमान को सामान्य रखने, बीमारियों से लड़ने, घाव भरने, अंगों तक हार्मोन और हार्मोन सिग्नल पहुंचाने जैसे कार्य भी करता है। लालरक्त कोशिकाएं, श्वेत रक्त कोशिकाएं, प्लेटलेट्स और प्लाज्मा रक्त अलग-अलग तरह की कोशिकाओं से मिलकर बना होता है। यह कोशिकाएं रक्त प्लाज्मा में तैरती रहती हैं। लाल रक्त कोशिकाओं (Erttgricttes) को आरबीसी कहा जाता है। यह शरीर में ऑक्सीजन परिवहन का कार्य करती है। 1 माइक्रोलीटर रक्त में पुरुषों में 4.7 से 6.1 मिलियन और महिलाओं में में 4.2 से लेकर 5.4 मिलियन तक आरबीसी होती हैं। श्वेत रक्त कोशिकाओं ( leukocytes) को डब्ल्यूबीसी कहते हैं। यह बैक्टीरिया और वायरस से लड़ने का काम करती हैं तथा शरीर को इंफेक्शन और बीमारियों से बचाती है। 1 माइक्रोलीटर रक्त में रक्त में 4000 से 11000 की संख्या में श्वेत रक्त कोशिकाएं पाई जाती हैं। इसके अलावा शरीर के 1 माइक्रोलीटर रक्त में 2 लाख से 5 लाख तक की संख्या में प्लेटलेट्स (thrombocytes) होती हैं। यह कोशिकाएं रक्त का थक्का जमाने में मदद करती हैं। प्लाज्मा की बात करें, तो यह एक तरल पदार्थ होता है। इसका 92 फीसदी भाग पानी होता है। प्लाज्मा में पानी के अलावा प्रोटीन, ग्लूकोस मिनरल, हार्मोंस, कार्बन डाइऑक्साइड होते हैं। शरीर में कार्बन डाइऑक्साइड का परिवहन रक्त के प्लाज्मा द्वारा होता है। इनके अतिरिक्त रक्त में सिरम एल्बुमिन, कई तरह के प्रोटीन और इलेक्ट्रोलाइट भी पाए जाते हैं। वहीं रक्त कोशिकाओं में पाए जाने वाले हिमोग्लोबिन और आयरन तत्व की वजह से खून लाल होता है। हृदय शरीर में रक्त का संचार करता है। कौन कर सकता है रक्तदान कोई भी स्वस्थ व्यक्ति 18 साल की उम्र के बाद ब्लड डोनेट कर सकता है। उसका वजन 50 किलोग्राम से ज्यादा होना चाहिए। रक्तदान से पहले मछली, बीन्स, पालक, किशमिश या कोई भी आयरन से भरपूर चीज़ें खाएं।
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