पिंजोर के सराफा व्यापारी हरीश पर हमले की पूर्व चेयरमेन विजय बंसल ने की निंदा, कहा भाजपा-जजपा सरकार में पनप रहा जंगलराज।

Khoji NCR
2021-12-15 14:03:11

खोजी/सुभाष कोहली कालका। पिंजोर के सराफा व्यापारी हरीश ओहरी उर्फ काला पर देर रात तीन युवकों द्वारा फारेस्ट काम्प्लेक्स पिंजोर के सामने गोली मारकर किए गए जानलेवा हमले की राज्य सरकार में चेय

मेन रहे व अखिल भारतीय उद्योग व्यापार सुरक्षा मंच के राष्ट्रीय संगठन मंत्री विजय बंसल एडवोकेट ने कड़ी निंदा की है। विजय बंसल ने कहा कि भाजपा-जजपा सरकार में पूरे प्रदेशभर में जंगलराज पनप रहा है, आए दिन जगह-जगह व्यापारियों पर हमले हो रहे है तो फिरौतिया भी मांगी जा रही है। इतना ही नही इससे पूर्व में भी विजय बंसल अनेको बार ऐसी घटनाओं से बचाव के लिए इलाके के बॉर्डर सुरक्षित करने की मांग कर चुके है। गत दिवस ही विजय बंसल ने गृह मंत्री अनिल विज को जिला पंचकूला में पुलिस नफरी बढाने के लिए पत्र लिखा है तो वहीं भारी पुलिस फोर्स की कमी को भी उजागर किया था। पूर्व चेयरमैन विजय बंसल ने हरीश ओहरी का हालचाल भी जाना, तो पीजीआई चंडीगढ़ में भी उपचार सम्बन्धी हर संभव सहायता के लिए आश्वस्त किया है। विजय बंसल का कहना है कि हमारा इलाका एक तरफ तो पंजाब, दूसरी तरफ चंडीगढ़ व तीसरी तरफ हिमाचल प्रदेश से सीमावर्ती है, ऐसे में जहां तो एक तरफ बार्डर पर पुलिस फोर्स की तैनाती के साथ प्रॉपर चेकपोस्ट होने चाहिए तो वहीं भारी पुलिस फोर्स के अभाव में दिन प्रतिदिन ऐसी घटनाएं हो रही है जोकि बेहद चिंता का विषय है। अब जहां जिला पंचकूला में पुलिस फोर्स का अभाव है तो वहीं व्यापारियों की सुरक्षा सुनिश्चित किया जाना भी बेहद जरूरी है। जिसके लिए विजय बंसल ने हरियाणा व्यापारी कल्याण बोर्ड के चेयरमेन रामनिवास गर्ग को भी मामले में हस्तक्षेप करके व्यापारी हरीश को इंसाफ दिलाने की बात कही है। इसके साथ ही विजय बंसल ने कहा कि पिंजोर जैसे शांतिपूर्ण इलाके में ऐसी शर्मनाक घटना होना बेहद निंदनीय है, यह साफ तौर पर दर्शाता है कि अब गुंडों को किसी का डर नही है। इससे पहले भी मढावाला में सरेआम व्यापारी की दुकान पर गोलियां चलाई गई थी। डीसीपी ने विजय बंसल को आरटीआई के जवाब में बताया कि अपराधियों पर अंकुश लगाने के लिए क्राइम ब्रांच को सशक्त करने की जरूरत है, जिसलिए क्राइम ब्रांच व डिटेक्टिव स्टाफ में पुलिस नफरी की स्वीकृति पदों को बढ़ाया जाना बेहद जरूरी है। वर्तमान में क्राइम ब्रांच के पास कुल 28 ही पद स्वीकृत है जबकि जरूरत कुल 60 पदों की है तो वही डिटेक्टिव स्टाफ के पास भी सिर्फ 19 ही पद स्वीकृत है जिसके लिए कुल 53 पदों के स्वीकृति की जरूरत है।

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