ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह की हालत को लेकर वायुसेना ने जारी किया ताजा हेल्‍थ अपडेट

Khoji NCR
2021-12-14 14:05:45

नई दिल्‍ली,। तमिलनाडु में 8 दिसंबर को हुई हेलिकाप्टर दुर्घटना में जीवित बचने वाले अकेले व्यक्ति ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह हैं। उनका इलाज कमांड अस्पताल, बेंगलुरु में चल रहा है। दुर्घटना में सीडी

एस जनरल बिपिन रावत और 12 अन्य लोगों की जान चली गई थी। भारतीय वायु सेना अधिकारी ने कहा क‍ि भारतीय वायुसेना अधिकारी के ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह की हालत नाजुक बनी हुई है लेकिन उनकी हालत स्थिर है। वह बेंगलुरु के कमांड अस्पताल में लाइफ सपोर्ट सिस्टम पर है। उनकी सलामती के लिए पूरे देश में दुआओं का सिलसिला जारी है। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने शनिवार को ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह के पिता कर्नल (सेवानिवृत्त) केपी सिंह से फोन पर बात की थी। सेना के सूत्रों के अनुसार, ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह का अब तक तीन बार आपरेशन किया जा चुका है। ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह के पिता कर्नल (सेवानिवृत्त) केपी सिंह भी बेंगलुरु पहुंचे हैं। पिता कर्नल केपी सिंह सेना से रिटायर हैं। वह यूपी के देवर‍िया के रहने वाले हैं। उन्होंने मध्यप्रदेश के भोपाल में अपना मकान बनवा रखा है। वह पत्नी उमा सिंह के साथ वहीं पर रहते हैं, जबकि वरुण सिंह के भाई तनुज सिंह नौसेना में हैं। वर्तमान में ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह की तैनाती तमिलनाडु के वेलिंग्टन में है। वरुण सिंह के परिवार में पत्नी गीतांजलि और बेटा रिद्धिमन व बेटी आराध्या हैं। शौर्य पद से सम्‍मान‍ित हैं ग्रुप कैप्‍टन ज्ञात हो कि ग्रुप कैप्‍टन वरुण बेहद अनुभवी पायलट हैं। उन्‍हें शौर्य चक्र से सम्‍मानित किया जा चुका है। ये शांति के समय में दिया जाने वाला सबसे बड़ा पदक है। ये पदक उन्‍हें एलसीए तेजस की उड़ान के दौरान सामने आई आपात स्थिति में खुद को सावधानी से सकुशल बचाने के लिए दिया गया था। 12 अक्‍टूबर 2020 को वो तेजस की उड़ान पर थे। इस विमान को वो अकेले उड़ा रहे थे। तभी इस विमान में तकनीकी दिक्‍कत आ गई। काकपिट का प्रेशर सिस्‍टम खराब आने से लगातार हालात खराब हो रहे थे। उन्होंने बिना समय गंवाए स्थिति को संभालने के साथ-साथ सही फैसला लिया शौर्य पद से सम्‍मान‍ित हैं ग्रुप कैप्‍टन ज्ञात हो कि ग्रुप कैप्‍टन वरुण बेहद अनुभवी पायलट हैं। उन्‍हें शौर्य चक्र से सम्‍मानित किया जा चुका है। ये शांति के समय में दिया जाने वाला सबसे बड़ा पदक है। ये पदक उन्‍हें एलसीए तेजस की उड़ान के दौरान सामने आई आपात स्थिति में खुद को सावधानी से सकुशल बचाने के लिए दिया गया था। 12 अक्‍टूबर 2020 को वो तेजस की उड़ान पर थे। इस विमान को वो अकेले उड़ा रहे थे। तभी इस विमान में तकनीकी दिक्‍कत आ गई। काकपिट का प्रेशर सिस्‍टम खराब आने से लगातार हालात खराब हो रहे थे। उन्होंने बिना समय गंवाए स्थिति को संभालने के साथ-साथ सही फैसला लिया

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