बच्चों को गीता संदेश से नैतिक मूल्यों को ग्रहण करके अपना चरित्र उज्जवल बनाना चाहिए :विपिन कुमार शर्मा

Khoji NCR
2021-12-13 14:12:31

नारनौल, 13 दिसंबर। गीता महोत्सव के उपलक्ष में हरियाणा राज्य बाल कल्याण परिषद की ओर से आज आर्दश बाल मन्दिर वरिष्ठ माध्यामिक विद्यालय नारनौल में नैतिक मूल्यों की शिक्षा पर सेमीनार का आयोजन किय

। कार्यक्रम में मुख्यातिथि के तौर पर नैतिक मूल्यों के राज्य नोडल अधिकारी विपिन कुमार शर्मा ने शिरकत की। राज्य नोडल अधिकारी विपिन कुमार शर्मा ने अपने संबोधन में कहा कि गीता ग्रंथ विश्व के महान गन्थों में सबसे श्रेष्ठ ग्रन्थ है। हमारे सभी गन्थों की रचना वेदों पर आधारित है, परन्तु गीता ग्रन्थ की रचना स्वयं भगवान के मुख से हुई है भगवान विष्णु ने स्वयं कहा है कि गीता के पांच अध्याय मेरा सिर है, पांच अध्याय मेरी भुजाएं हंै, ग्यारहवा अध्याय मेरा हृदय, दिल व मन है, सोलहवां अध्याय मेरा उदर है, सत्रहवां अध्याय मेरी जंघा है अठारवां अध्याय मेरे चरण है, सभी सात सौ श्लोक मेरी नाड़िया है और गीता के जो अक्षर हैं वो मेरे रोम हैं जिसके अर्थ में ह्रदय में विचारता रहता हंू और आनन्द प्राप्त करता हूं, गीता के ज्ञान को सुनकर बहुत जीव कृतार्थ हुए हैं ऐसा है, हमारा गीता ग्रन्थं हमें जीवन जीने की राह व सस्कांर सिखाती है। आज गीता दुनिया को आध्यात्मक, संस्कृति व धर्म के कारण मानवता को जीने की प्रेरणा देती है। भगवान कृष्ण ने कुरूश्रेत्र की धरती पर 5000 वर्ष पूर्व महाभारत युद्घ के दौरान अर्जुन को इस ज्ञान के माध्यम में से विश्व को किस प्रकार जीना है का संन्देश देकर अपना जीवन सफल बनाने का मार्ग दिखाया है। उन्होंंने बताया कि गीता किसी विशेष जाति, धर्म के लिए नहीं है। समाज में जो भी बुराईयां अवसाद व्यापक है, उनका सबका समाधान गीता में है। गीता महोतस्व के जरिए आमजन को भारत व हरियाणा की समस्त संस्कृति के बारे में अवगत करवाया जा रहा है। बच्चों को गीता संन्देश से नैतिक मूल्यों को ग्रहण करके अपना चरित्र उज्जवल बनाना चाहिए। इस मौके पर स्कूल के प्रार्चाय रेखा गोतम ने संबोधित करते हुए कहा कि विश्व की अनेक संस्कृतियां ज्ञान के अंन्धकार में मिट गई हैं लेकिन भारत की संस्कृति कभी नहीं मिटेगी क्योंकि इसका आधार गीता ज्ञान है, ये कभी नहीं मिटेगी अनन्त काल तक रहकर दुनियां का मार्गदर्शन करती रहेंगी। इस अवसर पर स्कूल के बच्चों ने भी गीता श्लोकों का उच्चारण के माध्यम से अपनी प्रस्तुतियां प्रस्तुत की। इस अवसर पर जिला बाल कल्याण परिषद के आरचरी कोच सुरेन्द्र शर्मा व स्कूल के अध्यापक अमर सिंह, उदमी राम मिनाक्षी गोतम व तनवी गोतम सहित अन्य अध्यापकगण व स्कूली बच्चे उपस्थित थे।

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