नई दिल्ली, केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने आज दिल्ली में सोसाइटी ऑफ इंडियन डिफेंस मैन्युएनआई: फैक्चरर्स (SIDM) द्वारा आयोजित एमएसएमई कॉन्क्लेव को संबोधित किया। कॉन्क्लेव के दौरान उन्हों
े कहा कि, भारतीय निर्यात को बढ़ावा देना केंद्र सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है। उन्होंने कहा कि सरकार का लक्ष्य देश को शुद्ध आयातक के बजाय शुद्ध निर्यातक बनना है। हमने 2024-25 तक तकरीबन 35हजार करोड़ रुपये के निर्यात का लक्ष्य रखा है, जिसे हम हर संभव कोशिश कर हासिल करेंगे। मौजूदा वक्त में भारत लगभग 70 देशों में निर्यात कर रहा है और स्टॉकहोम इंटरनेशनल पीस रिसर्च इंस्टीट्यूट (SIPRI), 2020 की रिपोर्ट के मुताबिक, भारत निर्यात के मामले में शीर्ष 25 देशों की सूची में है। 500 करोड़ का बजट निर्धारित SIDM द्वारा आयोजित MSME Conclave में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने बताया कि केंद्रीय रक्षा मंत्रालय ने अगले 5 पांच सालों के लिए 500 करोड़ का बजट निर्धारित किया गया है। जिसकी मद्द से iDEX के लिए एक केंद्रीय योजना के तहत 2021-22 to 2025-26 तक करीब 300 स्टार्ट-अप / MSMEs और 20 पार्टनर इन्क्यूबेटरों को वित्तीय सहायता दी जाएगी। साथ ही उन्होंने बताया कि स्टार्ट-अप्स/एमएसएमई को प्रोत्साहित करने के लिए 'मेक कैटेगरी' के तहत योजनाओं का लाभ उठाने के लिए प्रस्ताव अनुरोध भी जारी किए जाएंगे। जहां खरीद लागत 100 करोड़ रुपये / वर्ष से अधिक नहीं है या कुल मूल्य 150 करोड़ रुपये से कम है। युवाओं के सपने होंगे साकार रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने युवाओं के लिए एमएसएमई का महत्व बताते हुए कहा कि देश के युवाओं को आर्थिक रूप से सशक्त करने और उनके सपनों को पूरा करने में एमएसएमई बड़ी भूमिका निभा रही हैं। पूर्व में हमारी MSME’s को वह अटेंशन नहीं मिल पाया जिसकी वे हकदार थीं। देश में इतनी बड़ी संख्या में MSMEs होने के बावजूद क्लियर गवर्नमेंट पॉलिसी और स्ट्रैटजिक हैंड होल्डिंग के अभाव के कारण MSMEs की पूर्ण क्षमता का लाभ हम नहीं उठा सके।
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