ओमिक्रोन के बढ़ते खतरे के बीच WHO ने एशिया-प्रशांत देशों को किया आगाह, स्वास्थ्य सेवा क्षमताओं को बढ़ाने का किया आग्रह

Khoji NCR
2021-12-03 09:51:15

मनीला, कोरोना वायरस के नए वैरिएंट ओमिक्रोन के खतरे के बीच विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने एशिया-प्रशांत देशों को आगाह किया है। उन्होंने देशों से अपनी स्वास्थ्य सेवा क्षमताओं को बढ़ावा

देने का आग्रह किया है इसके साथ ही कोरोना टीकाकरण में तेजी लाने पर भी जोर दिया गया है ताकि इस वायरस के तेजी से बढ़ते संक्रमण से बचा जा सके। बता दें कि पिछले महीने के आखिर में दक्षिण अफ्रीका में इस वैरिएंट का पहला मामला सामने आया था। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने इसे 'वैरिएंट आफ कंसर्न' की कैटेगरी में रखा है। हालांकि वैज्ञानिक अभी भी यह स्थापित करने के लिए डेटा एकत्र कर रहे हैं कि ओमिक्रोन कितना संक्रामक है, और इससे होने वाली बीमारी की गंभीरता क्या है। आस्ट्रेलिया, जापान, दक्षिण कोरिया, सिंगापुर, मलेशिया और भारत में इस वैरिएंट के मामले सामने आने के बाद यह कम से कम 30 देशों में दस्तक दे चुका है। कई सरकारों ने इसके मद्देनजर यात्रा नियमों को सख्त कर दिया है। कई देशों ने दक्षिणी अफ्रीका के सात देशों की यात्रा पर पाबंदी लगा दी है। पश्चिमी प्रशांत क्षेत्र के डब्ल्यूएचओ के क्षेत्रीय निदेशक ताकेशी कासई ने एक वर्चुअल मीडिया ब्रीफिंग में कहा, 'हर देश और हर समुदाय को मामलों में वृद्धि के लिए तैयार रहना चाहिए।' कासई ने कहा, 'लोगों को न केवल सीमा उपायों पर भरोसा करना चाहिए, उन्हें संभावित उच्च संचरण क्षमता वाले इन प्रकारों के लिए तैयार रहना भी सबसे महत्वपूर्ण है। अब तक उपलब्ध जानकारी से पता चलता है कि हमें अपना दृष्टिकोण बदलने की जरूरत नहीं है।' कासई ने कहा कि देशों को डेल्टा वैरिएंट से निपटने के दौरान सीखे गए सबक का उपयोग करना चाहिए और कमजोर समूहों का पूरी तरह से टीकाकरण होना चाहिए। इसके अलावा मास्क पहनने एवं शारीरिक दूरी बनाने के नियमों जैसे निवारक उपायों को लागू करने का भी आग्रह किया। अंतरराष्ट्रीय यात्रियों पर प्रतिबंध के बावजूद, आस्ट्रेलिया में ओमिक्रोन का मामला सामने आया है और इसके अलावा अमेरिका के भी पांच राज्यों में इसके मामले दर्ज किए गए हैं।

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