सोहना,(उमेश गुप्ता): सोहना शहर में आए दिन लगने वाले जाम का स्वाद नगरपरिषद आयुक्त व नगरनिगम कमिश्नर विनयप्रताप सिंह को भी चखना पड़ा। अपने मातहत लगने वाले सोहना शहर में सडक़ पर लगे जाम में फंसने स
तिलमिलाए परिषद आयुक्त ने नगरपरिषद प्रशासन को निर्देश दिए है कि सोहना शहर में किसी भी कीमत पर जाम हर्गिज लगने नही दिया जाए। बाजार को अतिक्रमण मुक्त बनाने के लिए कागजी आंकड़ों की खानापूर्ति की बजाय प्रभावी तरीके से अतिक्रमण मुक्त अभियान चलाया जाए। यदि सडक़ किनारे कोई भी दोपहिया अथवा चार पहिया वाहन खड़ा है या फिर नो पार्किंग जोन में सुबह 7 बजे से रात 7 बजे के बीच की अवधि में सडक़ पर कोई भी बड़ा वाहन पाया जाता है तो उसे तुरंत कब्जा पुलिस में लिया जाए। वाहन चालक के साथ-साथ वाहन मालिक के खिलाफ भी मामला दर्ज किया जाए और जिन दुकानदारों ने सडक़ के सामने सामान रखकर अतिक्रमण किया हुआ है, उन्हें भी हर्गिज बख्शा ना जाए। नगरपालिका प्रशासन शहर में रोजाना पुलिस प्रशासन और मेन पावर को साथ लेकर बाजार के भीतर अतिक्रमण हटाने के लिए अभियान चलाए। अतिक्रमण करने वाले व्यापारी का सामान जब्त करने के साथ-साथ उसके खिलाफ चालान काटकर अर्थ दंड भी लगाया जाए। उन्होंने परिषद प्रशासन को निर्देश दिए है कि बाजार में किसी भी कीमत पर जाम हर्गिज लगने नहीं दिया जाए। यदि सडक़ पर कोई हादसा होता है अथवा कोई वाहन खराब हो जाता है तो अविलंब के्रन की सहायता से दुर्घटनाग्रस्त व खराब वाहन को तत्काल सडक़ से हटाया जाए ताकि यातायात व्यवस्था सुचारू रहे और लोगों को जाम से ना जूझना पड़े। बता दें कि आईएएस अधिकारी व नगरनिगम कमिश्नर विनयप्रताप सिंह सोहना नगरपरिषद के परिषद आयुक्त है। आज अवकाशीय दिवस होने के बावजूद जब वह नगरपरिषद में बुलाई गई परिषद अधिकारियों और पार्षदों की बैठक लेने के लिए यहां पर आए तो उनकी गाड़ी सोहना शहर में चिल्डप्वाइंट के समीप सैनी धर्मशाला और सीनियर सैकेंडरी बाल विद्यालय के सामने लगे जाम के भीतर फंस गई। चंद देर तक परिषद आयुक्त खुद जाम में फंसे रहे। ऐसे में उनका गाड़ी चालक बार-बार हूटर बजाता रहा। सायरन हूटर को सुन जाम में आड़ी-तिरछी खड़ी गाडिय़ों के चालक एकदम सक्रिय हो गए और जैसे-तैसे अपनी गाडिय़ों को वहां से हटाया। तब जाम का स्वाद चखने वाले परिषद आयुक्त ने स्थानीय नगरपालिका परिषद कार्यालय में परिषद अधिकारियों व पार्षदों की ली गई बैठक में नगरपरिषद प्रशासन को कड़े तेवर दिखाते हुए साफ कहा कि नो पार्किंग जोन होने के बावजूद शहर की सडक़ों पर आए दिन लगने वाले जाम को वह हर्गिज बर्दाश्त नहीं करेंगे। उन्होंने साफ कहा कि संबंधित अधिकारी अपनी कार्यप्रणाली में सुधार लाए। जनता के हित को सर्वोपरि रखे। कार्य में कोताही बरतने वाले किसी भी कर्मचारी, अधिकारी को हर्गिज बख्शा नहीं जाएगा। बता दें कि अब सोहना घाटी हो अथवा सोहना शहर की सडक़ें, सोहना की पहचान अब जाम क्षेत्र के रूप में लोगों के बीच होने लगी है। काबिले गौर यह है कि सोहना घाटी में लगने वाले जाम का स्वाद खुद तत्कालीन पुलिस कमिश्नर आलोक मित्तल, इनेलो सुप्रीमो व भूतपूर्व मुख्यमंत्री ओमप्रकाश चौटाला, क्षेत्रीय विधायक और प्रदेश में मुख्य संसदीय सचिव रहे तथा मौजूदा वक्त में भाजपा सांसद चौधरी धर्मबीर सिंह आदि समेत अनेकों राजनीतिज्ञ और अधिकारी वक्त-वक्त पर अपनी गाड़ी जाम में फंसने पर जाम का स्वाद चख चुके है। बताते चले कि सोहना शहर व घाटी में आए दिन लगने वाले जाम को लेकर क्षेत्र के लोगों ने पहले भी वक्त-वक्त पर कई बार कुंभकर्णी नींद में सोए प्रशासन को जगाने के लिए धरने-प्रदर्शन किए। आंदोलन चलाए। तब प्रशासन ने क्षेत्र के लोगों को विश्वास दिलाया कि भविष्य में सोहना घाटी में जाम नहीं लगने दिया जाएगा। घाटी को जाम मुक्त बनाए रखने के लिए ट्रैफिक पुलिस तैनात की जाएगी। घाटी में आवाजाही के दौरान सडक़ पर खराब होने वाले किसी भी वाहन को तुरंत हटाने के लिए के्रेन का इंतजाम चौबीस घंटे रहेगा। दिन के वक्त मालवाहक वाहनों की आवाजाही सोहना घाटी में नहीं होने दी जाएगी लेकिन प्रशासन के दावों की कुछ ही समय बाद हवा निकल गई। लोगों का कहना है कि जब तक लोग जन समस्याओं के निवारण के लिए सडक़ पर उतरकर आंदोलन नहीं करते, कुंभकर्णी नींद में सोए प्रशासन की नींद नहीं खुलती है। वहीं इस मसले पर एसीपी सोहना संदीप मलिक का कहना है कि सोहना घाटी और बाईपास चौक पर ट्रैफिक पुलिस तैनात है। घाटी में खराब वाहनों को तत्काल सडक़ से हटाने के लिए प्राइवेट लोगों से के्रेन सुविधा ली जा रही है। उन्होंने कहा कि एक-दूसरे से आगे निकलने के चक्कर में वाहन चालक अपने वाहनों को आड़ा, तिरछा खड़ा कर देते है। जिस कारण जाम को खुलवाने में दिक्कतें आती है। शहर की सडक़ों को पूरी तरह जाम मुक्त बनाए रखने के लिए स्थानीय पुलिस प्रशासन को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए गए है। नगरपरिषद प्रशासन जब भी बाजार को अतिक्रमण मुक्त बनाने के लिए अभियान चलाएगा और पुलिसबल की मांग करेगा तो जरूरत के आधार पर परिषद प्रशासन को पुलिस मुहैया करा दी जाएगी।
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