नई दिल्ली/ । कृषि कानून विरोधी प्रदर्शन स्थल यूपी गेट पर तीन दिनों से सरगर्मियां बढ़ गई हैं। भारतीय किसान यूनियन 29 नवंबर को संसद तक प्रस्तावित ट्रैक्टर मार्च को लेकर मंडलवार बैठकें कर रहा है।
वहीं, पुलिस-प्रशासन भी सतर्क हो गया है। अधिकारी प्रदर्शनकारियों की हर छोटी-बड़ी गतिविधियों पर नजर बनाए हुए हैं। तीनों कृषि कानूनों के विरोध में 28 नवंबर 2020 से यूपी गेट पर प्रदर्शन चल रहा है। बता दें कि संयुक्त किसान मोर्चा ने 29 नवंबर को संसद तक ट्रैक्टर मार्च निकालने का एलान किया है। इसको लेकर यूपी गेट पर एक बार फिर से सरगर्मी बढ़ गई है। भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने यहां संगठन की मंडलवार बैठक शुरू कर दी है। शनिवार को सहारनपुर मंडल की बैठक हुई। इसके पहले शुक्रवार को मुरादाबाद और बृहस्पतिवार को मेरठ मंडल की बैठक हो चुकी है। सभी बैठकों में उन्होंने आगामी कार्यक्रम को सफल बनाने की अपील की है। उन्होंने कहा है कि यहां से पांच सौ ट्रैक्टर संसद जाएंगे। वहीं, उन्होंने ट्वीट कर लोगों से खेती-किसानी के मुद्दों पर डटे रहने की अपील की है। समीक्षा बैठक को संबोधित करते हुए भाकियू के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा कि एक साल होने को है और सरकार किसानों की बात सुनने को तैयार नहीं है। बिना मांग मनवाए किसान बॉर्डर नहीं छोड़ेंगे इसलिए अब सभी जिलों के पदाधिकारी और कार्यकर्ता लंबे आंदोलन के लिए कमर कस लें। अपने-अपने टैंटों को दुरुस्त करें और खाने-पीने से लेकर सर्दी के मौसम में जरूरत के सामान के साथ बॉर्डर पर उपस्थिति सुनिश्चित करें। खुफिया विभाग सक्रिय यूपी गेट पर चल रही हलचल को देखते हुए पुलिस और प्रशासन काफी सतर्क हो गया है। यहां पर खुफिया विभाग को सक्रिय किया गया है। पुलिस और प्रशासनिक अधिकारी प्रदर्शनकारियों के संपर्क में हैं। उनसे बातचीत कर आगामी योजनाओं और रणनीतियों को जानने की कोशिश कर रहे हैं। शांति-व्यवस्थाएं बनाए रखने की अपील कर रहे हैं। बता दें कि 29 नवंबर को किसान आंदोलन को एक साल पूरे होने जा रहे हैं। इस अवसर पर संयुक्त किसान मोर्चा ने 29 नवंबर को संसद तक ट्रैक्टर मार्च निकालने की घोषणा अभी हाल में ही की थी। मोर्चा का दावा है कि शीतकालीन सत्र के दौरान प्रदर्शनकारी संसद तक शांतिपूर्वक ट्रैक्टर मार्च निकालेंगे। 26 जनवरी की घटना से सबक लेते हुए पुलिस प्रशासन पहले से ही अलर्ट हो गया है।
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