भारत की सीमा पर चीन की आक्रामकता और इरादे चिंताजनक, सीनेट के समक्ष बोले पेंटागन की रक्षा नीति के नामित उपमंत्री

Khoji NCR
2021-03-06 09:17:02

वाशिंगटन,। भारत की सीमा पर बढ़ता तनाव सीधे तौर पर चीन के इरादों को स्पष्ट कर रहा है। उसका आक्रामक रवैया क्षेत्र में प्रभुत्व स्थापित करने की प्रवृत्ति को जाहिर करता है। ये हालात अमेरिका के सह

योगी और भागीदारी वाले देशों के लिए चिंताजनक है। ये बातें पेंटागन की रक्षा नीति के लिए उपमंत्री पद पर नामित किए गए कोलिन कहल ने सीनेट की समिति से कही। सीनेट की समिति उनकी नियुक्ति पर मुहर लगाने से पहले उनके नजरिए और योजना को समझ रही थी। कहल ने इसके साथ ही यह भी कहा कि अमेरिका अपने सहयोगियों और भागीदारों के साथ बराबरी से खड़ा है। हम अपने सहयोगी देशों के साथ चीन को खदेड़ने के लिए पूरी तरह उनके साथ हैं। मेरी नियुक्ति की पुष्टि होती है तो मैं चीन और भारत के बीच चल रही मौजूदा स्थिति पर पैनी नजर रखूंगा और प्रयास करूंगा कि दोनों ही शांतिपूर्ण तरीके से अपने मसलों को हल करें। उन्होंने कहा कि पिछले एक दशक से भारत-अमेरिका के बीच रक्षा सौदों और तकनीकी संबंधों का चलन रहा है। वे नियुक्त होते हैं तो इन संबंधों को बनाए रखते हुए आगे बढ़ाएंगे। साथ ही वह भारत के बड़े रक्षा भागीदार के दर्जे को बरकरार रखेंगे। हिंद-प्रशांत क्षेत्र में दोनों के हितों का ध्यान रखेंगे। उन्होंने कहा कि हमारे बहुत से सहयोगी देश कोरोना महामारी को लेकर हताश हैं और चीन इसका फायदा उठाने की फिराक में है। उन्होंने कहा कि चीन ही ऐसा देश है जो अमेरिका को भविष्य में चुनौती दे सकता है। सीनेट के सशस्त्र सेवा समिति के अध्यक्ष सीनेटर जैक रीड ने कहा कि अमेरिका को चीन के साथ रणनीतिक प्रतिस्पर्धा के लिए दीर्घकालिक दृष्टिकोण अपनाना चाहिए। इस चुनौती को रक्षा मंत्री लॉयड ऑस्टिन ने रक्षा विभाग के लिए उपयुक्त खतरे के रूप में वर्णित किया है। चीन का प्रभावी रूप से मुकाबला करने के लिए जरूरी है कि हम नई तकनीकों का विकास करें।

Comments


Upcoming News