ब्रेस्ट कैंसर का खतरा बढ़ाने वाले जीन की पहचान, रिसर्च

Khoji NCR
2021-01-22 09:15:01

नई दिल्ली, । ब्रेस्ट कैंसर दुनिया में तेजी से फैलने वाली बीमारी बन गई है, जिसकी समय से पहले पहचान न हो तो यह बीमारी जानलेवा बन जाती है। इस बीमारी के इलाज को आसान बनाने के लिए लगातार वैज्ञानिक अध

ययन कर रहे हैं, अब दो ताजा अध्ययन में ये बात सामने आई है कि इस बीमारी का समय से पहले इलाज किया जा सकता है। इन अध्ययनों में पाया गया है कि किस तरह दो वंशानुगत जीन महिलाओं में बिना फैमिली हिस्ट्री के ब्रेस्ट कैंसर के जोखिम को बढ़ाने में मदद कर रहे हैं। यही दोषपूर्ण जीन सामान्य आबादी में ब्रेस्ट कैंसर फैलाने के लिए जिम्मेदार माने गए हैं। डॉक्टरों का कहना है कि न्यू इंग्लैंड जर्नल ऑफ मेडिसीन में प्रकाशित इस रिसर्च के बाद महिलाओं को समय से पहले स्क्रीनिंग के बारे में निर्णय लेने में बेहतर मदद कर सकते है। साथ ही इससे सर्जरी से भी बचा जा सकता है। हालांकि इस प्रकार का आनुवांशिक परीक्षण अभी आम लोगों के लिए उपलब्ध नहीं है, लेकिन इसका इस्तेमाल बढ़ रहा है और कई उपभोक्ताओं को यह टेस्ट सीधे उपलब्ध कराया जा रहा है। नई रिसर्च से पता चला है कि कुछ जीनों से होने वाले जोखिम बहुत अधिक है। वाशिंगटन यूनिवर्सिटी की वैज्ञानिक मैरी क्लेरी किंग ने सबसे पहले महिलाओं में ब्रेस्ट कैंसर के लिए जिम्मेदार जीन बीआरसीए1 BRCA1 की खोज की है। ये आनुवांशिक जीन बीमारी फैलाने से पहले खुद को बदल लेते हैं। किंग कहती हैं कि हम कई महिलाओं को ब्रेस्ट कैंसर से बचा सकते हैं अगर सभी महिलाओं को यह सिखाया जाए कि उनके शरीर में ये जीन किस प्रकार बदलता है। अमेरिकन कैंसर सोसाइटी के मुताबिक 2.76 ब्रेस्ट कैंसर के मामले हर साल आते हैं। इनमें से 13800 मामले में यही जीन जिम्मेदार था। इसी जीन के कारण इनमें ब्रेस्ट कैंसर का जोखिम बढ़ा। अब तक यही समझा जाता था कि उत्परिवर्तित जीन परिवार में पहले से कैंसर से पीड़ित निकट संबंधियों से आता है जिसके कारण कम उम्र में भी ब्रेस्ट कैंसर हो जाता है। इसके अलावा इस जीन को लेकर भी बहुत कम काम किया गया है। नए अध्ययन से इस कमी को भरने की कोशिश हुई है। उम्मीद है इस जीन की पहचान का आसान तरीका जल्दी ही सबको सुलभ हो जाएगा जिससे लाखों जिंदगियां बचाई जा सकेंगा।

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