केवल ताइवान नहीं, 14 पड़ोसी देशों से है चीन का सीमा विवाद; जमीन से समुद्र तक अवैध कब्जा

Khoji NCR
2022-08-09 10:03:21

नई दिल्ली, । दुनिया के नक्शे पर चीन एक ऐसा देश है, जो अपने पड़ोसी मुल्कों की जमीन पर अवैध कब्जे को लेकर सबसे ज्यादा विवादों में रहता है। दरअसल चीन दुनिया के नक्शे पर सबसे ज्यादा, 14 देशों के साथ अप

ी सीमा साझा करता है। ड्रैगन ने अपनी विवादास्पद विस्तार वादी नीति के तहत सभी पड़ोसी देशों की जमीन पर या तो कब्जा कर रखा है या कब्जे का प्रयास करता रहता है। भारत भी इससे अछूता नहीं है। भारत के सीमावर्ती राज्यों और नेपाल व भूटान देश पर कब्जे को चीन की विवादित 'फाइव फिंगर पॉलिसी' के नाम से जाना जाता है। चीन की ये नीति इतनी विवादित है कि वह आधिकारिक तौर पर इसका उल्लेख नहीं करता है, लेकिन इस दिशा में हमेशा प्रयासरत रहता है। दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा देश है चीन चीन की अंतरराष्ट्रीय सीमा जिन 14 देशों से मिलती है, उसमें भारत, अफगानिस्तान, भूटान, कजाखिस्तान, किग्रिस्तान, लाओस, मंगोलिया, म्यांमार (बर्मा), नेपाल, उत्तर कोरिया, पाकिस्तान, रूस, तजाकिस्तान और वियतनाम शामिल हैं। इन सभी देशों के साथ चीन का सीमा विवाद है या पूर्व में रहा है। इसके अलावा चीन का ताइवान, फिलीपींस, इंडोनेशिया, जापान, दक्षिण कोरिया, सिंगापुर, ब्रुनेई और तिब्बत के साथ भी सीमा विवाद है। चीन की सरहद भले 14 देशों से मिलती हो, लेकिन इसका सीमा विवाद 22 देशों से रहा है। फिलहाल चीन का अपने पड़ोसी देशों संग 18 जगहों पर सीमा विवाद चल रहा है। रूस और कनाडा के बाद चीन दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा (97,06,961 वर्ग किलोमीटर) देश है। इसकी 22,117 किमी लंबी सीमा 14 देशों से जुड़ी हुई है। चीन का इन सभी देशों से किसी न किसी तरह का सीमा विवाद चल रहा है। कम्युनिस्ट पार्टी के सत्ता में आने के बाद बिगड़ी स्थिति चीन की कम्युनिस्ट पार्टी ने 1949 में देश की सत्ता संभाली। इसके बाद चीन ने तिब्बत, पूर्वी तुर्किस्तान और इनर मंगोलिया पर कब्जा कर लिया। इसके बाद 1997 में हांगकांग और 1999 में मकाउ पर चीन ने कब्जा कर लिया। ताइवान, पूर्वी तुर्किस्तान, तिब्बत, इनर मंगोलिया या दक्षिणी मंगोलिया, हांगकांग और मकाउ को चीन अपने नक्शे में दिखाता है। इन छह देशों में चीन ने तकरीबन 41,13,709 वर्ग किमी जमीन पर कब्जा किया है, जो चीन के कुल क्षेत्रफल का लगभग 43 फीसदी है। ये सभी देश लंबे अर्से से अपनी स्वतंत्रता के लिए संघर्षरत हैं। चीन का जमीन पर ही नहीं समुंद्र में भी सीमा विवाद है। चीन 35 लाख वर्ग किमी में फैले पूरे दक्षिणी चीन सागर पर अपना हक जताता है। यहां पर चीन, रनवे सहित अपना कृत्रिम टापू भी बना चुका है। रूस ने भारी कीमत चुका निपटाया सीमा विवाद रूस उन कुछ देशों में शामिल है, जिसने चीन संग अपना सीमा विवाद काफी हद तक सुलझा लिया है। हालांकि इसके लिए रूस को अपनी कई नदियों और द्वीप को हमेशा के लिए खोकर भारी कीमत चुकानी पड़ी। समुद्र में चीन का सीमा विवाद चीन से सटे समुद्री इलाके में दो विवादित क्षेत्र हैं। पहले में चीन, ताइवान, मलेशिया, फिलीपींस, वियतनाम और ब्रुनेई की समुद्री सीमाएं शामिल हैं। दूसरे में चीन, ताइवान और वियतनाम का समुद्री इलाका शामिल है। जानते हैं इनके बारे में विस्तार से। ताइवान - चीन, पूरे ताइवान को अपना क्षेत्र बताता रहा है। ताइवान समुद्री टापू पर बसा एक देश है, जो पूर्व में कभी जापान तो कभी चीन का हिस्सा रहा है। चीन में कम्युनिस्ट पार्टी और कॉमिंगतांग पार्टी के बीच राजनीतिक विद्रोह व हिंसा की वजह से करीब 73 वर्ष पहले (1949 में) ताइवान द्वीप अलग देश के रूप में अस्तित्व में आया। चीन की कॉमिंगतांग पार्टी के लोगों ने ही कम्युनिस्ट पार्टी के हाथों मिली हार के बाद इस द्वीप पर शरण लेकर जान बचाई थी। विस्तार से पढ़ें - क्या है चीन ताइवान विवाद और कैसे अमेरिका बना इसका हिस्सा

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