हल्के कोविड-19 संक्रमण से भी मस्तिष्क में आ सकती है सिकुड़न, नए शोध में आया सामने

Khoji NCR
2022-03-08 11:22:18

लंदन, आक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं के नेतृत्व में हुए एक हालिया अध्ययन में पता चला है कि सार्स सीओवी-2 वायरस के हल्के संक्रमण से भी दिमाग के एक खास हिस्से में सिकुड़न आ सकती है, जो व्यक्

ति के सूंघने की क्षमता से संबंधित होता है। सार्स सीओवी-2 वायरस के कारण ही कोविड-19 बीमारी होती है। 'नेचर' पत्रिका में सोमवार को प्रकाशित इस अध्ययन में सार्स सीओवी-2 के हल्के संक्रमण के साढ़े चार महीने बाद दिमाग में हुए बदलावों पर गौर किया गया है। अध्ययन के लिए ब्रिटेन के बायोबैंक के 785 प्रतिभागियों के आंकड़ों और शोध संसाधनों का इस्तेमाल किया गया। इस दौरान शोधकर्ताओं ने ऊतकों के नुकसान और दिमाग के एक खास क्षेत्र में हुई सिकुड़न का पता लगाया, जो सूंघने की क्षमता से संबंधित है। शोधकर्ताओं ने कहा कि अध्ययन से यह समझने में मदद मिली कि कोविड-19 किस प्रकार केंद्रीय तंत्रिका तंत्र में फैलता है और उसे प्रभावित करता है। हालांकि, यह अभी शोध का विषय है कि इसका असर लंबे समय तक बरकरार रहता है अथवा धीरे-धीरे खत्म हो जाता है। अध्ययन के प्रमुख लेखक प्रो. ग्वेनेले डौड के अनुसार, 'हमने सार्स सीओवी-2 के हल्के से मध्यम व गंभीर संक्रमण वाले मरीजों के दिमाग में हुए बदलावों का अध्ययन किया। 96 प्रतिशत प्रतिभागी हल्के कोरोना संक्रमित थे, लेकिन उनके दिमाग के संक्रमित हिस्से में भूरे रंग की सामग्री व ऊतकों का बड़ा नुकसान नजर आया।'

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