एक्सपर्ट्स से जानें ईटिंग डिसऑर्डर में योग कैसे मदद कर सकता है?

Khoji NCR
2022-02-24 09:54:21

ईटिंग डिसऑर्डर, एक तरह का मेंटल डिसऑर्डर होता है, जिसमें व्यक्ति कभी तो जरूरत से भी ज्यादा खाता है तो कभी बहुत ही कम खाता है। इतना कम कि उसका वजन कम हो जाता है और बॉडी मास भी घट जाता है। इसको असाम

न्य खाने के व्यवहार से पहचाना जा सकता है, यह व्यक्ति के शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य पर नकारत्मक प्रभाव डालता है। बुलिमिया, बिंग-ईटिंग और एनोरेक्सिया सबसे ज़्यादा होने वाला ईटिंग डिसऑर्डर हैं। हर साल देश में नैशनल ईटिंग डिसऑर्डर वीक मनाया जाता है, ताकि लोगों में इस बीमारी को लेकर जागरुकता पैदा की जा सके। इस साल नैशनल ईटिंग डिसऑर्डर वीक 21 फरफरी से लेकर 27 फरवरी 2022 तक मनाया जा रहा है। आमतौर पर ईटिंग डिसऑर्डर, चिंता और अवसाद के साथ होता है। दुनियाभर में लगभग 0.9% महिलाएं और 0.3% पुरुष एनोरेक्सिया से पीड़ित हैं। ईटिंग डिसऑर्डर से पीड़ित लोगों का दुख, गुस्सा और चिड़चिड़ेपन को दूर करने के लिए खाने की ओर रुख कर लेना एक सामान्य बात है। वैसे तो ईटिंग डिसऑर्ड का मेडिकल इलाज संभव है, लेकिन इसे योग और ध्यान की मदद से भी दूर किया जा सकता है। योग कैसे मदद करता है? जिंदल नेचरक्योर इंस्टीट्यूट के डिप्टी चीफ मेडिकल ऑफिसर डॉ. एचपी भारती का कहना है कि शारीरिक स्तर पर योग से पाचन में सुधार, कब्ज़ को कम करने और बिंज ईटिंग की ख़राब आदत को कम किया जा सकता है। योग करने के दौरान या बाद में हम उन भावनाओं को रिलीज करने में सक्षम हो सकते हैं, जो सालों से हमारे ऊपर बोझ बनी रहती हैं। माइंडफुलनेस पर किए गए अध्ययनों के अनुसार, योग, मेडिटेशन और सांस से सम्बंधित अभ्यास नर्वस सिस्टम की सक्रियता को कम करके, आत्मविश्वास की भावनाओ को नियंत्रित करके मस्तिष्क में गतिविधि को बढ़ाकर शरीर और मानसिक तनाव प्रतिक्रिया को कम करते हैं। किस तरह के योगासन आ सकते हैं काम? डीवाइन सोल योगा के फाउंडर डॉ. दीपक मित्तल ने बताया, "अमेरिकन साइकोलॉजिकल एसोसिएशन द्वारा 18-30 वर्ष की आयु के बीच की महिलाओं के एक समूह पर केंद्रित एक अध्ययन में 12 सप्ताह तक योग का अभ्यास किया गया, जिसमें पाया गया कि यह एक स्वस्थ शरीर की छवि बनाने में मदद कर सकता है, जो ईटिंग डिसऑर्डर को कम करने में सहायक होगा। अध्ययन में देखा गया की प्रतिभागियों ने अपने व्यक्तिगत शरीर की छवि के साथ संतुष्टि में वृद्धि की और वे दूसरों के सामने कैसे दिखाई देते है, इस पर कम ध्यान दिया। यह संकेत यह दर्शाता है की योग ईटिंग डिसऑर्डर को ठीक करने में सहायक है और कई हद तक उसी की रोकथाम में भी सक्षम है।" कुछ योग मुद्राएं जिनका अभ्यास एक योग ट्रेनर की देखरेख में किया जा सकता है: बालासन: यह एक बहुत ही आराम देने वाली मुद्रा है, जिसमें घुटनों के बल आगे झुकना और शरीर को फर्श / चटाई पर रखना होता है। चक्रासन: यह ऊपर की ओर मुख वाली धनुष मुद्रा है, जो आपकी छाती और फेफड़ों को फैलाती है और आपके हाथ, पैर, पेट और रीढ़ को मज़बूत करती है। ताड़ासन: ताड़ासन सबसे आसान योग आसन है, जो शरीर के संतुलन और पेटके स्वास्थ्य में सुधार करता है। धनुरासन: यह मुद्रा ईटिंग डिसऑर्डर से संबंधित सभी मुद्दों में राहत प्रदान करती है और पाचन, कब्ज़, पेट में ऐंठन दूर करने में मदद करती है। सूर्य नमस्कार, प्राणायाम और योग निद्रा ऐसे आसन हैं, जिनका पालन करने से ईटिंग डिसऑर्डर में सहयता मिल सकती है। इसे करने से आंत और पाचन तंत्र पर अच्छा प्रभाव पड़ता है, जो कि संतुलित भोजन और जीवन शैली जीने के लिए प्रेरित करते हैं। इन योगासन को का अभ्यास करने से न सिर्फ शरीर पर पॉज़ीटिव असर पड़ता है बल्कि मन भी शांत रहता है।

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