नए शोध का खुलासा, सडन कार्डियक अरेस्ट से महिलाओं की जान को पुरुषों की तुलना में अधिक खतरा

Khoji NCR
2021-11-07 08:27:41

नई दिल्ली, पुरुषों की तुलना में महिलाओं को रात के समय कार्डियक अरेस्ट का खतरा अधिक रहता है। इस बात की पुष्टि journal Heart Rhythm में छपी एक शोध से होती है। इस शोध से पता चला है कि रात में सोते वक्त कार्डियक

अरेस्ट की वजह से महिलाओं की मौत होने की संभावना अधिक है। इससे पहले कई अन्य शोध में भी दावा किया गया था कि पुरुषों की तुलना में महिलाओं को कार्डियक अरेस्ट का खतरा अधिक है। हाल में European Heart Journal में छपी एक शोध में दावा किया गया था कि Covid-19 संक्रमित मरीजों में महिलाओं को दिल का दौरा पड़ने से अधिक मौत हुई है। वहीं, journal Heart Rhythm में छपी शोध से अन्य दावों को बल मिला है। इस शोध में बताया गया है कि रात के समय कुल मरीजों में 20.6 फीसदी पुरुषों की तुलना में 25.4 फीसदी महिलाओं को कार्डियक अरेस्ट का सामना करना पड़ता है। इस बारे में मेडिकल एक्सपर्ट्स का कहना है कि मरीज देर रात आराम मुद्रा में रहते हैं। इस दौरान मेटाबॉलिज़्म, हार्ट रेट और ब्लड प्रेशर कम हो जाता है। रात के समय अचानक कार्डियक अरेस्ट आने से मरीज की मौत भी हो जाती है। इस शोध में 4,126 मरीजों को शामिल किया गया था, जिसमें 3, 208 मरीजों को दिन में और 918 मरीजों को रात के समय कार्डियक अरेस्ट का सामना करना पड़ा था। रात के समय कार्डियक अरेस्ट के शिकार मरीजों में अधिकांशतः महिलाएं थी। सडन कार्डियक अरेस्ट क्या है- सडन कार्डियक अरेस्ट वह स्थिति है, जिसमें दिल धड़कना बंद कर देता और रक्तचाप कम होने लगता है। साथ ही विद्युत तरंगों में खराबी अथवा गड़बड़ी आ जाती है। इसके चलते ह्रदय से रक्त पंप नहीं होता है। इससे मरीज को सांस लेने में बहुत तकलीफ होती है। अक्सर ऐसी स्थिति में मरीज बेहोश हो जाता है और समय पर इलाज नहीं किया जाता है, तो मरीज की मौत हो जाती है।

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