जानें, क्यों आयुर्वेद में खाना खाते समय पानी पीने की दी जाती है सलाह

Khoji NCR
2021-11-07 08:26:19

नई दिल्ली, जल जीवन है। जल के बिना जीवन की कल्पना करना बेईमानी होगी। इसे जल, पानी, नीर आदि नामों से जाना जाता है। संतुलित मात्रा में जल के सेवन से व्यक्ति सेहतमंद रहता है। लापरवाही बरतने पर डिहा

ड्रेशन का खतरा बढ़ जाता है। हालांकि, अधिक पानी पीने से भी किडनी पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है। खासकर खाना खाते समय लोग पानी पीने में लापरवाही बरतते हैं। उन्हें सही तरीका पता नहीं होता है। कुछ लोगों को खाना खाते समय पानी पीने की आदत होती है, तो कुछ लोगों को खाना खाने से पहले पानी पीने की आदत रहती है। जबकि, कुछ लोगों को खाना खाने के बाद पानी पीने की आदत होती है। लोगों में खाना खाने के समय पानी पीने को लेकर मतभेद है। कुछ लोग अच्छा, तो कुछ लोग बुरा मानते हैं। आइए जानते हैं कि आयुर्वेद की दृष्टि से खाना खाते समय पानी पीने का सही तरीका क्या है- कई लोग खाना खाने से पहले एक गिलास पानी पीने की सलाह देते हैं। इससे कम कैलोरीज गेन होती है। आयुर्वेद में इस तरीके को गलत बताया गया है। इससे कमजोरी और दुर्बलता आती है। इसके लिए आयुर्वेद में खाना खाने से पहले पानी पीने की मनाही है। खाना खाने के बाद पानी पीना अधिकांश लोग खाना समाप्त करने के बाद पानी पीते हैं। यह तरीका मस्तिष्क को ट्रिगर करता है कि खाना समाप्त हो चुका है। साथ ही मन भी तृप्त हो जाता है। हालांकि, आयुर्वेद में इस तरीके को भी गलत बताया गया है। आयुर्वेद की मानें तो खाना खाने के बाद पानी पीने से मोटापा का खतरा बढ़ जाता है। आयुर्वेद में खाना खाते समय पानी पीने को सही तरीका बताया गया है। इस दौरान लोग कई अंतराल में घूंट-घूंट पानी पीते हैं। इससे भोजन को तोड़ने में मदद मिलती है और भोजन जल्दी और सही से पचता है। हालांकि, भोजन के दौरान हल्का गुनगुना गर्म पानी पीना चाहिए। साथ ही स्वाद को बढ़ाने के लिए अदरक चूर्ण और सौंफ का सहारा लिया जा सकता है। डिस्क्लेमर: स्टोरी के टिप्स और सुझाव सामान्य जानकारी के लिए हैं। इन्हें किसी डॉक्टर या मेडिकल प्रोफेशनल की सलाह के तौर पर नहीं लें। बीमारी या संक्रमण के लक्षणों की स्थिति में डॉक्टर की सलाह जरूर लें।

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