सोनू वर्मा, ख़ोजी एनसीआर नूहं। आज यम द्वितीया को भाई दूज या भैया दूज भी कहा जाता है, इसके पीछे एक कहानी है. इस दिन यमराज और उनकी बहन यमुना की पूजा की परंपरा है। दीपावली के पांच दिनों के त्योहार मे
भाई बहन का त्योहार भाई दूज भी शामिल है। कार्तिक के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि को 'यम द्वितीया' के रूप में मनाने की परंपरा रही है. इसी दिन भाई बहन का त्योहार भाई दूज भी मनाते हैं। यम द्वितीया को भाई दूज या भैया दूज भी कहा जाता है। इसके पीछे एक कहानी है। इस दिन यमराज और उनकी बहन यमुना की पूजा की परंपरा है। जैसे राखी त्योहार पर बहन अपने भाइयों को तिलक लगाती हैं। उसी तरह इस दिन भी भाई का तिलक कर उसकी आरती उतारी जाती है, बहनें अपने भाई को मिठाई खिलाती हैं और तिलक लगाकर उसकी सलामती की कामना करती हैं। भाई, बहन के घर जाता है और तिलक करवा कर प्यार से बहनों को उपहार देता है. बहनें भी छोटे भाइयों को गिफ्ट देती है। इस तरह भाई-बहन के प्यार का पर्व मनाया जाता है।
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