खोजी/सुभाष कोहली कालका। भारतीय मजदूर संघ जिला पंचकूला, हरियाणा सरकार ने भारतीय मजदूर संघ से जुड़े श्रमिकों की पुकार को सुना व उनके दर्द को समझा। संघ के अध्यक्ष कृष्ण कटारिया ने कहा कि हरिया
ा सरकार के अंतर्गत भिन्न-भिन्न विभागों में जो ठेकेदारी प्रथा के तहत कर्मचारी लगे हुए थे, ठेकेदार उनका शोषण करते थे। उनकी पुकार को मुख्यमंत्री ने सुना और कौशल विकास निगम का गठन कर व उसकी शुरुआत करके एक अच्छी पहल की है। दूसरा हरियाणा के 22 के 22 जिलों में सभी जिलों के डीसी रेट अलग-अलग होते थे, अब हरियाणा सरकार का यह कौशल विकास निगम ही डी सी रेट के कर्मचारियों का वेतन तय करेगा, जिसको पूरे प्रांत में तीन श्रेणियों में विभाजित किया गया है। उनका वेतन सरकार द्वारा समय-समय पर बढ़ाया जाएगा और तीसरा हरियाणा सरकार में सभी पुलिसकर्मियों का 40 साल की आयु के बाद मेडिकल चेकअप किया जाएगा। उससे सभी पुलिसकर्मियों को स्वास्थ्य में लाभ मिलेगा। मुख्यमंत्री ने जो घोषणाएं श्रमिकों के लिए की है, भारतीय मजदूर संघ पंचकूला हृदय से स्वागत करता है। कटारिया ने कहा कि भारतीय मजदूर संघ द्वारा जो 5 अक्टूबर को 35 सूत्री मांग पत्र हरियाणा सरकार को दिया था उस पर तुरंत प्रभाव से विचार कर लागू करे। इसमें कुछ प्रमुख पुरानी मांगें है उन्हें तुरंत लागू किया जाए। पैक्स कर्मचारियों को 10% केंद्रीय सहकारी बैंक में पदोन्नति का लाभ दिया जाए। मृतक आश्रित को नौकरी प्रदान की जाए। कैशलेस मेडिकल की सुविधा दी जाए और सातवें पे कमिशन का लाभ दिया जाए। स्वास्थ्य कर्मचारियों को भी सातवें पे कमीशन का लाभ दिया जाए। असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों को पीएफ का लाभ एवं सामाजिक सुरक्षा के दायरे में लाया जाए, जैसे कि सभी ट्यूबवेलऑपरेटर, ग्रामीण चौकीदार, ग्रामीण सफाई कर्मचारी श्रमिक कार्य कर रहे हैं, सभी को रोजगार सुरक्षित किया जाए। आईटीआई में लगे अनुबंध अनुदेशकों को रोजगार सुरक्षित किया जाए। स्कूलों में लगे लैब सहायकों को रोजगार की गारंटी दे कर लाभ दिया जाए। भवन निर्माण में काम करने वाले सभी श्रमिकों को उनकी कापी बनाकर उसका लाभ दिया जाए। शुगर मिल में दैनिक भोगी कर्मचारियों का वेतन बढ़ाया जाए आंगनबाड़ी महिलाओं को उनका केंद्र द्वारा बढ़ाया गया वेतन दिया जाए। विद्युत विभाग के कर्मचारियों को सेफ्टी कवर दिए जाएं ताकि काम करने में कोई दिक्कत कर्मचारी को ना आए। इनके अलावा 35 सूत्रीमांग पत्र जो हरियाणा सरकार को 5 अक्टूबर को दिया था उसको तुरंत प्रभाव से लागू किया जाए।
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