तावडू 24 अक्टूबर (दिनेश कुमार): शहर व क्षेत्र में रविवार को श्रद्धा व हर्षोल्लास से करवाचौथ पर्व मनाया गया। सुहागिनों ने अपने पति की मंगल आयु एवं अखंड सुहाग की प्राप्ति के लिए व्रत रखा। करवाचौथ
पति-पत्नी के अखण्ड प्रेम और त्याग की चेतना का प्रतीक है। सुहागिनों ने चंद्रमा के साथ-साथ शिव पार्वती व गणेश तथा कार्तिकेय की पूजा मनोकामना पूर्ति हेतु की। नारी प्रगति मंच शहर संयोजिका सीमा रानी, रेखा सतीजा, नीतू चांदना, मोना हसीजा, अंजु शर्मा, नेहा रानी, ममता रानी, ज्योति रानी, सीमा रानी आदि सुहागिनों ने बताया कि भारतीय महिलाओं की आस्था, परंपरा, धार्मिकता अपने पति के लिए प्यार, सम्मान, समर्पण करवाचौथ के व्रत में सब कुछ निहित है। करवाचौथ अब केवल लोकपरंपरा ही नहीं, पौराणिकता के साथ-साथ इसमें आधुनिकता का प्रवेश हो चुका है और यह त्यौहार भावनाओं पर केन्द्रित हो गया है। पूजा-परंपरा: आज की पीढी कितनी ही मार्डन क्यों न हो गई हो, लेकिन वह आज भी अपने पूर्वजों के दिखाए मार्ग पर चलकर उनके विश्वास व आस्था को स्थापित किए हुए है। सुहागिन स्त्रियां सूर्योदय से पहले स्नान करके व्रत रखने का संकल्प लिया व सास द्वारा दी गई सरगी का सेवन किया और करवाचौथ का निर्जल व्रत शुरू किया। संाय काल चौथ की कथा श्रवण व वाचन के बाद रात्रि में चंद्रमा के उदय होने के इंतजार में रही। रविवार रात को चंद्रमा के दर्शन कर अर्क देकर करवाचौथ का व्रत खोला जाएगा। मंदिरों के साथ-साथ ब्यूटी पार्लरों पर भीड: शहर व क्षेत्र के मंदिरों के साथ-साथ सभी ब्यूटी पार्लर महिलाओं से भरे हुए दिखाई दिए। महिलाओं ने जहां मंदिरों में पूजा अर्चना की वहीं ब्यूटी पार्लरों में श्रृंगार कराया। बाजारों में भी भीड: शहर की दुकानों पर मीठे करवे वालों के पास व मेहंदी लगाने वालों सहित गिफट आईटम व मिष्ठान भंडारों पर खरीददारी करने वालों की भीड लगी देखी गई।
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