हरियाणा का नंूह जिला मनरेगा योजना का लाभ उठाने में सबसे आगे

Khoji NCR
2020-12-18 10:40:20

नूंह : मनरेगा केंद्र सरकार की एक महत्वकांक्षी योजना है। इस योजना से लॉकडाउन अवधि को अगर छोड़ दिया जाए तो गरीबों के घर में खुशहाली ने दस्तक दी है। हरियाणा का नंूह जिला मनरेगा योजना का लाभ उठाने

में सबसे आगे है। महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना में काम करके एक बड़ा सहारा गरीब परिवारों को मिला है। उपायुक्त धीरेंद्र खडग़टा ने बताया कि कोविड-19 के दौरान मनरेगा योजना में केंद्र सरकार ने काफी धनराशि खर्च की है। जब लोगों का रोजगार छिन गया था , तो गांव में ही मनरेगा योजना के तहत बेरोजगार लोगों को रोजगार मिल सका। ग्राम पंचायतों में पीने के पानी, स्कूल, विकास के लिए स्ट्रक्चर इत्यादि इस योजना के तहत बनवाए ताकि भविष्य में इनका इस्तेमाल किया जा सके। डीआरडीए के सीईओ महावीर प्रसाद ने कहा कि कोविड-19 के दौरान अगर लॉकडाउन पीरियड को छोड़ दिया जाए तो मनरेगा स्कीम में व्यवधान नहीं पड़ा। उन्होंने कहा कि अगस्त माह में 9.22 लाख परसेंटेज थी तथा इस समय 29 लाख परसेंटेज बढक़र हो चुकी है, जो प्रदेश में सबसे ज्यादा है। इस योजना के तहत हर प्रकार की एक्टिविटी गांव में कराई गई। सीईओ महावीर प्रसाद ने कहा कि इस योजना के तहत 8 दिन के अंदर मजदूरों को भुगतान किया जाता है 95-96 प्रतिशत भुगतान मजदूरी का कर दिया गया है। हां इसमें कुछ खामियां जरूर आती हैं, जैसे लाभार्थी का कई बार खाता गलत होता है या फिर उसमें स्टाफ की गलती से चूक हो जाती है। इसलिए इस कमी को दूर करने के लिए पासबुक की फोटो प्रति आगे से ली जाएगी ताकि मजदूरों को भुगतान सीधे उनके खाते में आसानी से हो सके। सीईओ जिला परिषद ने बताया कि नूंह जिले में 60649 लोगों को इस योजना के तहत रोजगार दिया गया और करीब 70000 लोगों को ऑफर किया गया। उन्होंने बताया कि 2922412 प्रदेश में सबसे ज्यादा हाईएस्ट परसेंटेज है। इसके अलावा बात अगर परिवारों को 100 दिन रोजगार देने की बात की जाए , तो इस मामले में भी 1743 परिवारों को रोजगार देने में मेवात जिला हरियाणा में अव्वल है। कुल मिलाकर सबसे ज्यादा गरीब जिले के लोगों ने इस योजना का लाभ उठाकर बेरोजगारी को अपने ऊपर हावी नहीं होने दिया। अगर अन्य क्षेत्रों में रोजगार छिन गया था , तो मनरेगा में काम करके लोगों ने अपने बच्चों का लालन-पालन बेहतर ढंग से किया। मनरेगा में कच्चा तथा पक्का दो प्रकार का कार्य किया जाता है। जिसमें पुरुष व महिला मजदूर प्रतिदिन 309 रुपए काम के बदले में लेते हैं। मनरेगा योजना में काम कर रहे पुरुष और महिला मजदूरों से बात की तो उन्होंने कहा कि उन्हें समय पर 309 रुपए प्रतिदिन के हिसाब से 100 दिन का रोजगार मिला। कोरोना काल में जब अन्य रोजगार छिन गया था, तो उनको मनरेगा में काम मिला। जिसका समय पर भुगतान हुआ। सरपंचों से लेकर अधिकारियों ने पूरा सहयोग किया। जिसकी बदौलत उनको कोरोना काल में घर चलाने में किसी प्रकार की कोई दिक्कत नहीं हुई। अभी भी बड़ी संख्या में मनरेगा मजदूर काम करने में जुटे हुए हैं। जब हमारी टीम ने मुंढेता गांव के मजदूर जान मोहम्मद मोबाइल नंबर 7011061795 , मेहताब 9813915975, खुर्शीद 9050401449, आसिफ 9588328133, सोनम व फरीदा मोबाइल नंबर 9992076986 के अलावा तेड गांव के जमशेद मोबाइल नंबर 9813282298, हकमुद्दीन मोबाइल नंबर 9518258073 के अलावा अनीशा मोबाइल नंबर 9306631816 से मनरेगा मजदूरी को लेकर बातचीत की गई तो उन्होंने कहा कि उन्हें किसी प्रकार की कोई दिक्कत नहीं हुई है। उन्हें समय पर काम का भुगतान किया गया है और सभी का अच्छा सहयोग रहा है।

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