खोजी/सुभाष कोहली कालका। जम्मू-कश्मीर में लोग डर के साय में जी रहे हैं। धरती की जन्नत कहलाने वाले कश्मीर में गैर कश्मीरी लोगों पर हमले की वारदातों ने लोगों के मन में खोफ भर दिया है। यह कहना है श
व सेना हिन्द की राष्ट्रीय अध्यक्षा (महिला विंग) शैलजा ठाकुर का। ठाकुर का कहना है कि इन हमलों से न केवल बाहरी और अल्पसंख्यक भयभीत हैं, बल्कि स्थानीय लोगों में भी डर है। अभी हाल ही में बिहार निवासी गोल-गप्पे वाले की हत्या कर दी गई थी। वहीं आतंकियों ने आईडी देखने के बाद दो गैर मुस्लिम प्रिंसीपल व टीचर की हत्या कर दी थी। ताजा हमलों में बिहार के दो प्रवासी मजदूर और उत्तर प्रदेश के एक कारपेंटर की हुई हत्याओं ने घाटी में रह रहे प्रवासी मजदूरों के बीच भय का माहौल बना दिया है। इन सभी हत्याओं ने देश को झकझोर दिया है। ऐसे सार्वजनिक स्थानों पर दिन दहाड़े कैसे हत्या हो सकती है, वह चिंताजनक है। ऐसे हालातों में बड़ी संख्या में मजदूर अपने-अपने गावों की ओर लौटना चाह रहे हैं। ठाकुर का कहना है कि जम्मू-कश्मीर के सरकारी आंकड़ों के अनुसार कश्मीर में 80 प्रतिशत कुशल और अर्धकुशल श्रमिक बाहरी हैं, जो यूपी, बिहार, झाड़खंड और अन्य राज्यों से आते हैं। जिनके जाने से कश्मीर की स्थानीय अर्थव्यवस्था चरमरा जाएगी। ठाकुर ने केंद्र सरकार से आग्रह किया है कि जम्मू-कश्मीर में शांति का माहौल कायम करने में प्रयास करे, प्रवासी मजदूरों की सुरक्षा व न्याय सुनिश्चित हो, साथ ही मृतक परिवारों को मुआवजा दिया जाए।
Comments