यह ऋषि-मुनियों व आयुर्वेदाचार्यों की धरती : ओमप्रकाश यादव नारनौल 20 अक्टूबर। प्रदेश के सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री ओमप्रकाश यादव व उनकी धर्मपत्नी सुमन बाला ने आज स्थानीय रविदास मंदिर
में पहुंचकर महंत शिवराम दास की 28 वीं पुण्यतिथि पर आयोजित हवन यज्ञ व मूर्ति स्थापना कार्यक्रम में भाग लिया तथा प्रसाद ग्रहण किया। इस मौके पर उन्होंने महंत बालकनाथ से आशीर्वाद लिया। हनुमानजी व गणेश जी की मूर्ति सूबेदार फूल चंद ने स्थापित करवाई है। इस मौके पर श्री यादव ने कहा कि यह ऋषि-मुनियों व आयुर्वेदाचार्यों की धरती है। यहां पर महान ऋषि मुनियों ने तप किया है। यही कारण है कि यहां के लोगों की धर्म-कर्म में हमेशा गहरी आस्था रही है। महंत शिवराम दास एक बहुत ही उच्च कोटि के संत थे। उन्होंने कहा कि यह भी संयोग की बात है कि आज शरद पूर्णिमा के दिन उनकी पुण्यतिथि है। ऐसी मान्यता है कि पूरे साल में केवल शरद पूर्णिमा के दिन ही चंद्रमा अपनी सोलह कलाओं से परिपूर्ण होता है। इस दिन चंद्र देव की पूजा करना शुभ होता हैं। श्री यादव ने कहा कि आयुर्वेदाचार्य साल भर इस पूर्णिमा का इंतजार करते हैं। जीवनदायिनी रोग नाशक जड़ी-बूटियों को शरद पूर्णिमा की चांदनी में रखते हैं। चंद्रमा को वेद-पुराणों में मन के समान माना गया है। वायु पुराण में चंद्रमा को जल का कारक भी बताया गया है। प्राचीन ग्रंथों में चंद्रमा को औषधियों का स्वामी कहा गया है। उन्होंने कहा कि पूरे विश्व भर के हिंदू इस दिन को अति शुभ मानते हैं। गुजरात में शरद पूर्णिमा को लोग गरबा खेलते हैं। मणिपुर में भी श्रीकृष्ण भक्त रास रचाते हैं। पश्चिम बंगाल और ओडिशा में शरद पूर्णिमा की रात को महालक्ष्मी की विधि-विधान के साथ पूजा की जाती है। उन्होंने कहा कि अलग-अलग स्थान पर अपनी-अपनी आस्था के अनुसार इस पर्व को मनाने की विधि अलग हो सकती है लेकिन उसके मूल में विश्व शांति तथा समृद्धि की भावना छिपी हुई होती है। इस अवसर पर पूर्व मंत्री कैलाश शर्मा, रविदास महासभा के प्रधान रामचंद्र ग्रोवर, महासचिव बलबीर सिंह बेरवाल, पत्रकार राजकुमार, भाजपा प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य लक्ष्मी सैनी, नगर पार्षद मीना सोनी, रईस, सैनी सभा के प्रधान भगवान दास, जगदीश नारनौलिया, कैलाश कटारिया, रामौतार बाघोतिया व सुरेंद्र महल के अलावा अन्य गणमान्य नागरिक भी मौजूद थे।
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