होडल, डोरीलाल गोला मुंडकटी थाना पुलिस ने अदालत के आदेश पर एएसआई के खिलाफ झूठा मुकदमा दर्ज कर पीडित से रिश्वत में लाखों रुपये हडपने व पीडित के परिजनों के साथ अभद्र व्यवहार करने का मामला दर्ज क
या है। मामले की जांच होडल डीएसपी सज्जन ङ्क्षसह कर रहे हैं। मामले में खबर लिखे जाने तक आरोपी एएसआई पुलिस की गिरफ्त से बाहर बताया गया है। मुंडकटी थाना प्रभारी प्रीतम ङ्क्षसह ने जानकारी में बताया कि गांव औरंगाबाद निवासी अरूण कुमार ने सन् 2019 में अदालत को दी शिकायत में कहा कि गांव औरंगाबाद निवासी धर्मलाल उनके पडोस में रहता है और वह पुलिस से रिटायर्ड है। अरूण कुमार ने बताया कि धर्मलाल व उनके परिवार का पिछले कई सालों से झगडा चलता आ रहा है। अरूण कुमार ने बताया कि धर्मलाल व उसके परिवार के लोगों 24 मार्च 2018 को मेरे साथ मारपीट की और उसके बाद मुझे घायल कर मौके से फरार हो गए थे। उसने बताया कि पुलिस में मुकदमा दर्ज होने के बाद धर्मलाल व उसके परिजनों ने कई बाद उनपर राजीनामे के लिए दबाव डाला, लेकिन उन्होंने राजीनामा नहीं किया। अरूण कुमार ने बताया कि धर्मलाल ने अपने सथी होडल थाने में तैनात एएसआई भरतपाल से सांठगांठ कर 27 मार्च 2018 को मेरे पिता महेश व भाई यशपाल सहित अन्य दस लोगों को 307 के झूठे मुकदमे में फसा दिया। अरूण कुमार ने बताया कि 28 मार्च 2018 को एएसआई भरतलाल सादा बर्दी में अपनी बे्रजा गाडी में बत्ती लगाकर उनके घर एसपी बनकर पहुंचा और उसने मेरे बाबा रणजीत को दो लाख रुपये रिश्वत देने की मांग की। रुपये ना देने की एवज में झूठे मुकदमे में फसाने की धमकी दी। अरूण कुमार ने बताया कि मेरे बाबा ने उसे 80 हजार रुपये रिश्वत देकर अपनी पीछा छुडाया। उसके बाद उसी दिन एएसआई भरतपाल गांव मोहना निवासी मेरे मौसा कल्लु को उनके घर से बगैर कपड़े खाना खाते वक्त उठाकर ले आया। छह-सात घंटे हिरासत में रखने के बाद एएसआई भरतपाल ने पचास हजार रुपये की रिश्वत लेकर मेरे मौसा को छोडा। अरूण कुमार ने बताया कि एएसआई धर्मपाल 30 मार्च 2018 को मेरे मौसा गांव मछगर निवासी नरेश को इसी मामले में जबरदस्ती घर से उठा लाया जिन्हें 40 हजार रुपये की रिश्वत लेकर छोडा। अरूण कुमार ने बताया कि एएसआई भरतपाल 7 अप्रैल 2018 को मेरी भुआ संतोष को गांव औरंगाबाद स्थित घर से उठाकर ले गया जिसे छुडाने की एवज में हमने एएसआई धर्मपाल को 25 हजार रुपये की रिश्वत दी। अरूण कुमार ने बताया कि एएसआई भरतपाल ने 14 दिसंबर 2018 को पलवल हुड्डा सेक्टर दो स्थित मकान के पास बुलाया और मुझसे कहा कि तेरे पिता की जमानत हो गई, लेकिन तेरे भाई यशपाल की जमानत करानी है तो मुझे बीस हजार रुपये देने होंगे। अरूण कुमार ने बताया कि बीस हजार ना होने पर उसने उसे आठ हजार रुपये की रिश्वत दी। एएसआई भरतपाल का होडल थाने से उटाबड चौकी में तबादला होने के बाद 24 दिसंबर को भरतपाल ने अरूण कुमार को उटाबड चौकी में बुलाया और मुझसे भाई की जमानत की एवज में 15 हजार रुपये रिश्वत की मांग करने लगा। अरूण कुमार ने बताया कि जब मैने उससे मना किया तो उसने मेरी जेब में मौजूद 1260 रुपये की नगदी मुझसे जबरदस्ती छीन ली। अरूण कुमार ने मामले की शिकायत जिला पुलिस कप्तान को दी, लेकिन जब वहां सुनवाई नहीं हुई तो वह रेवाडी रैंज आई से मिला और उसने सभी फुटेज व रिकॉडिंग आईजी के समक्ष पेश की। अरूण कुमार ने बताया कि उसकी शिकायत पर संज्ञान लेते हुए आईजी ने भरतपाल को तुरंत प्रभाव से सस्पेंड कर जांच रेवाडी स्थित डीएसपी को सौंप दी। उसने बताया डीएसपी से सांठगांठ पर भरतपाल अपने आप को निर्दोश बताते हुए एएसआई का पद संभाल किया। अरूण कुमार ने बताया कि उन्होंने 2019 में अदालत की शरण ली। अरूण कुमार की शिकायत पर पलवल न्यायधीश ज्योंति मेहरा की अदालत से मुंडकटी थाना को एएसआई भरतपाल के खिलाफ मामला दर्ज करने के आदेश मिले हैं। इस मामले में थाना प्रभारी प्रीतम ङ्क्षसह का कहना है कि आदलत के आदेश पर एएसआई भरतपाल के खिलाफ विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज कर दिया है। उन्होंने कहा कि मामले की जांच डीएसपी होडल कर रहे हैं। जांच के बाद दोषी की गिरफ्तारी की जाएगी।
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